नॉटिंघम। चौथे एशेज टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड ने स्टुअर्ट ब्रॉड (8/15) के ऐतिहासिक प्रदर्शन के दम पर ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 60 रन पर समेट दिया। बाद में इसी पिच पर बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने रूट के शतक के दम पर चार विकेट के नुकसान पर अब तक 274 का स्कोर खड़ा कर दिया है। आइए जानते हैं कि क्या हैं वो खास आंकड़े जो इस ऐतिहासिक दिन से जुड़े रहे।
- जिम लेकर ही एकमात्र ऐसे गेंदबाज रहे जिन्होंने एशेज टेस्ट की किसी एक पारी में स्टुअर्ट ब्रॉड से बेहतर प्रदर्शन किया है। इंग्लैंड के इस स्पिनर ने 1956 में ओल्ड ट्रेफर्ड टेस्ट की पहली पारी में 53 रन पर 10 विकेट और दूसरी पारी में 37 रन पर नौ विकेट झटके थे।
- ब्रॉड ने पारी के पहले ही ओवर में 2 विकेट लिए।
2002 के बाद से अभी तक केवल भारत के इरफान पठान (बनाम पाकिस्तान, 2006) और न्यूजीलैंड के क्रिस केयंर्स (बनाम इंग्लैंड, 2002) ही ऐसा कारनामा कर सके हैं।
- 5 इंग्लिश गेंदबाज ही टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट ले चुके हैं। इस क्लब में जुड़ने वाले स्टुअर्ट ब्रॉड पांचवें गेंदबाज हैं। अन्य चार गेंदबाज जेम्स एंडरसन (413), इयान बॉथम (383), बॉब विल्स (325) और फ्रेड ट्रूमैन (307) हैं।
- 9वीं बार ब्रॉड ने टेस्ट की एक पारी में छह या इससे ज्यादा विकेट चटकाए हैं। इस मामले में वह इंग्लिश गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं, जबकि ओवरऑल छठे स्थान पर हैं।
- 25 गेंदों पर ऑस्ट्रेलिया ने अपने शुरुआती पांच विकेट गंवा दिए। 2002 के बाद से यह सबसे कम गेंदों में शुरुआती पांच विकेट गिरे हैं। इस सबंध में इससे पहले के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 46वीं पारी में जाकर क्रिस रोजर्स टेस्ट करियर में पहली बार शून्य के स्कोर पर आउट हुए।
इस सीरीज के बाद वह रिटायर होने वाले हैं और यदि वह शून्य पर आउट नहीं हुए होते तो बिना डक के सबसे लंबा टेस्ट करियर होने का रिकॉर्ड उनके नाम हो जाता जो फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के ही जिम बुर्के (44 पारियां) के नाम है। - ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 60 रन बनाए, जो टेस्ट इतिहास में उसका सातवां न्यूनतम स्कोर है। यह 79 साल में उसका दूसरा सबसे कम स्कोर है। इस दौरान उसका न्यूनतम स्कोर 47 का रहा है। 2011 में केपटाउन टेस्ट में द. अफ्रीका ने उसे इस स्कोर पर समेटा था। - 111 गेंद तक ही ऑस्ट्रेलियाई पारी चली। टेस्ट इतिहास की यह सबसे छोटी पहली पारी है। ऑस्ट्रेलिया की तीसरी सबसे छोटी टेस्ट पारी है। उसकी सबसे छोटी पारी 99 गेंद (1936) की रही है। ऑस्ट्रेलिया की 14 सबसे छोटी पारियों में से 13 पारियां इंग्लैंड के खिलाफ रही हैं। -
1950 के बाद ऑस्ट्रेलिया के पांच न्यूनतम स्कोर:
स्कोर, ओवर, बनाम, स्थान साल
47, 18.0, द. अफ्रीका, केप टाउन, 2011
60, 18.3, इंग्लैंड, नॉटिंघम, 2015
75, 28.4, द. अफ्रीका, डरबन, 1950
76, 31.2, वेस्टइंडीज, पर्थ, 1984
78, 33.4, इंग्लैंड, लॉर्ड्स, 1968
2002 के बाद से अभी तक केवल भारत के इरफान पठान (बनाम पाकिस्तान, 2006) और न्यूजीलैंड के क्रिस केयंर्स (बनाम इंग्लैंड, 2002) ही ऐसा कारनामा कर सके हैं।
- 5 इंग्लिश गेंदबाज ही टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट ले चुके हैं। इस क्लब में जुड़ने वाले स्टुअर्ट ब्रॉड पांचवें गेंदबाज हैं। अन्य चार गेंदबाज जेम्स एंडरसन (413), इयान बॉथम (383), बॉब विल्स (325) और फ्रेड ट्रूमैन (307) हैं।
- 9वीं बार ब्रॉड ने टेस्ट की एक पारी में छह या इससे ज्यादा विकेट चटकाए हैं। इस मामले में वह इंग्लिश गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं, जबकि ओवरऑल छठे स्थान पर हैं।
- 25 गेंदों पर ऑस्ट्रेलिया ने अपने शुरुआती पांच विकेट गंवा दिए। 2002 के बाद से यह सबसे कम गेंदों में शुरुआती पांच विकेट गिरे हैं। इस सबंध में इससे पहले के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 46वीं पारी में जाकर क्रिस रोजर्स टेस्ट करियर में पहली बार शून्य के स्कोर पर आउट हुए।इस सीरीज के बाद वह रिटायर होने वाले हैं और यदि वह शून्य पर आउट नहीं हुए होते तो बिना डक के सबसे लंबा टेस्ट करियर होने का रिकॉर्ड उनके नाम हो जाता जो फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के ही जिम बुर्के (44 पारियां) के नाम है। - ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 60 रन बनाए, जो टेस्ट इतिहास में उसका सातवां न्यूनतम स्कोर है। यह 79 साल में उसका दूसरा सबसे कम स्कोर है। इस दौरान उसका न्यूनतम स्कोर 47 का रहा है। 2011 में केपटाउन टेस्ट में द. अफ्रीका ने उसे इस स्कोर पर समेटा था। - 111 गेंद तक ही ऑस्ट्रेलियाई पारी चली। टेस्ट इतिहास की यह सबसे छोटी पहली पारी है। ऑस्ट्रेलिया की तीसरी सबसे छोटी टेस्ट पारी है। उसकी सबसे छोटी पारी 99 गेंद (1936) की रही है। ऑस्ट्रेलिया की 14 सबसे छोटी पारियों में से 13 पारियां इंग्लैंड के खिलाफ रही हैं। -
1950 के बाद ऑस्ट्रेलिया के पांच न्यूनतम स्कोर:
स्कोर, ओवर, बनाम, स्थान साल
47, 18.0, द. अफ्रीका, केप टाउन, 2011
60, 18.3, इंग्लैंड, नॉटिंघम, 2015
75, 28.4, द. अफ्रीका, डरबन, 1950
76, 31.2, वेस्टइंडीज, पर्थ, 1984
78, 33.4, इंग्लैंड, लॉर्ड्स, 1968
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