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कोरोना योजना: 21 साल तक मिलेगी ₹ 5000 मासिक पेंशन, उच्च शिक्षा के लिए परिवहन भत्ता भी मिलेगा

भोपाल
कोरोना के कारण जिन बच्चों के माता पिता की जान चली गई है और उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं है, उनके लिए शुरू की गई 5000 रुपये की मासिक पेंशन सहायता, निशुल्क शिक्षा और फ्री राशन के लिए राज्य शासन ने नियम बना दिए हैं। सोशल मीडिया पर ये नियम वायरल हुये हैं।
 इसमें कहा गया है कि योजना का लाभ उन बच्चों को मिलेगा जिनकी उम्र 21 साल से कम है। अगर युवा सदस्य 21 वर्ष से अधिक हैं और उनका अध्ययन निरंतर जारी है तो वह योजना के लाभ पा सकेंगे। योजना में वह बच्चे ही पात्र होंगे जिनका परिवार मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो। बाल हितग्राही की उम्र 21 वर्ष से कम हो और परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है या प्रकरण अंतर्गत लाभ मिलने नहीं मिलने वाला हो।

ऐसे आयेगी बैंक खाते में राशि, राशन की व्यवस्था

राज्य शासन द्वारा मासिक पेंशन सहायता को लेकर बनाए गए नियम में कहा गया है कि हर बाल हितग्राही को ₹5000 प्रति माह की पेंशन सहायता राशि बैंक खाते में जमा की जाएगी। यदि बच्चे की उम्र 18 साल से कम है तो बच्चों की सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक के संयुक्त बैंक खाते में जमा होगी। जब बालक 18 साल की उम्र पूरी कर लेगा तो उसके व्यक्तिगत खाते में राशि जमा होगी। सहायता राशि बाल हितग्राही को 21 साल की उम्र तक दी जाएगी। इसी तरह हर बाल हितग्राही को राष्ट्रीय सुरक्षा खाद्य अधिनियम के अंतर्गत मासिक राशन प्रदाय किया जाएगा। इसकी सूची महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा खाद्य विभाग को पात्रता पर्ची जारी कर दी जाएगी।



कलेक्टर होंगे जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष

 इस तरह के मामलों में कार्यवाही के लिए राज शासन द्वारा जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। सदस्य के रूप में सीईओ जिला पंचायत, सीएमएचओ, उपसंचालक सामाजिक न्याय, जिला शिक्षा अधिकारी शामिल रहेंगे जबकि सदस्य सचिव जिला बाल संरक्षण अधिकारी होंगे।
 मासिक पेंशन का लाभ पाने वाले बच्चों के मामले में यह भी देखा जाएगा कि परिवार को शासकीय पेंशन तो प्राप्त नहीं हो रही है। ऐसा हुआ तो लाभ नहीं मिलेगा।

ऐसे मिलेगी शिक्षा, फ़ीस की व्यवस्था के लिए ये मापदण्ड

 ऐसे बच्चों की संपूर्ण शिक्षा निशुल्क होगी और उन्हें मेधावी छात्र योजना जनकल्याण संबल योजना या एससी- एसटी- ओबीसी विभाग द्वारा संचालित उच्च शिक्षा योजना में से किसी एक योजना का लाभ दिया जा सकेगा। कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए शुरू गई की गई इस स्कीम में कहा गया है कि कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा शासकीय विद्यालय में निशुल्क दी जाएगी। निजी विद्यालय में आरटीई के तहत इसका लाभ ऐसे बच्चों को मिलेगा। कक्षा 9 से 12 तक शासकीय विद्यालय में संबल योजना के अंतर्गत निशुल्क शिक्षा मिलेगी जबकि निजी विद्यालय में कोई सहायता नहीं दी जाएगी। इसके लिए सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग क्रियान्वयन का काम करेंगे। 

हायर एजुकेशन के लिए यह इंतजाम

उच्च शिक्षा के लिए शासकीय अनुदान प्राप्त सरकारी विद्यालयों के स्नातक, स्नातकोत्तर स्तर पर संचालित पाठ्यक्रमों में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इन्हें 15 सौ रुपए निर्वाह भत्ता प्रतिमाह मिलेगा और नगर निगम क्षेत्र में ₹500, नगर पालिका क्षेत्र में ₹300 प्रतिमाह की दर पर परिवहन भत्ता दिया जाएगा।
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