भोपाल
प्रदेश की विद्युत वितरण, ट्रांसमिशन और जनरेशन कम्पनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतनमान को लेकर ऊर्जा मंत्री ने प्रमुख सचिव को कहा है कि किसी भी कर्मचारी को कलेक्टर रेट से कम पर वेतनमान नहीं दिया जाएगा। इसकी जांच कराएं और वेतनमान दिलाने का इंतजाम करें। अगर कोई आउटसोर्स कम्पनी ऐसा करने से इनकार करे तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाए। उधर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक भोपाल, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, दतिया, भिंड में आउटसोर्स एजेंसी द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों को कम वेतन देने के मामले में जाँच कराई गई और इसके बाद कम्पनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। भविष्य में ऐसा न करने की ताकीद भी की गई है।
ऊर्जा मंत्री ने ये निर्देश उस परिप्रेक्ष्य में दिए हैं जिसमें यह बात सामने आई है कि नए वित्त वर्ष में आउटसोर्स एजेंसियों ने कर्मचारियों को कलेक्टर रेट पर या बढ़ा हुए वेतन देने के बजाय जो वेतन पहले दे रहे थे, उसमें ही नौ सौ रुपए तक की कटौती कर ली है। इससे दिन रात ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का आर्थिक संकट और गहरा गया है। खासतौर पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षेत्र में ऐसा हुआ है और यहां 16 जिलों में काम कर रहे करीब 13 हजार कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। यह मसला भी उठा था कि ऊर्जा मंत्री ने जनवरी फरवरी में दौरे करके आउटसोर्स में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन स्लिप चेक किए थे और कम्पनियों को पूरा वेतन देने के लिए कहा था। सारणी में कुछ कम्पनियों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद भी जब नए वित्त वर्ष में काम के बदले वेतन मिला तो कर्मचारियों को लूट खसोट का सामना करना पड़ा है।
इसके बाद ही ऊर्जा मंत्री तोमर ने कल विभाग के प्रमुख सचिव से बात की और देर रात किए ट्वीट में कहा कि ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि विद्युत कम्पनियों के आउटसोर्स कर्मचारियों को कलेक्टर रेट पर ही वेतनमान दिया जाए। जो कम्पनी ऐसा नहीं करती है, उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।
