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FCI क्लर्क के घर ने उगले 2.66 करोड़, रिश्वत के पैसे 3 मैनेजर रखवाते थे उसके घर

भोपाल
राजधानी के छोला इलाके में CBI द्वारा एफसीआई के क्लर्क किशोर मीणा के घर छापा मारने के बाद 2.66 करोड़ रुपये की नकदी और लाखों के जेवरात मिले हैं।
दिल्ली की सिक्योरिटी एजेंसी से रिश्वतखोरी के मामले में आरोपी किशोर मीणा को कल सीबीआई भोपाल की एंटी करप्शन ब्रांच ने एफसीआई के तीन मैनेजर के साथ गिरफ्तार किया था। कल रात से किशोर मीणा के घर पर सीबीआई की छानबीन जारी है। एफसीआई के तीन मैनेजर रिश्वत की राशि क्लर्क किशोर के पास रखते थे। इन्होंने मिलकर एफसीआई में कई बड़े घोटाले किए हैं।
किशोर मीणा एफसीआई में सिक्योरिटी गार्ड था। इन अफसरों ने मिलकर उसे एफसीआई में क्लर्क बनाया। आरोपी अफसरों के इशारे पर रिश्वत और घोटाले की राशि अपने घर पर रखने का काम करता था। सीबीआई को लेनदेन से संबंधित कई रिकॉर्ड किशोर मीणा के घर से मिले हैं।
 बाबू के घर से 6 किलो चांदी और 387 ग्राम सोना मिला है। जमीन के कई दस्तावेज भी घर से मिले हैं। एक बैंक खाते में 1 करोड़ की राशि जमा होने की बात भी सामने आई है। सीबीआई को नोट गिनने की मशीन भी मिली है। क्लर्क किशोर मीणा को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने एफसीआई के तीन अधिकारियों के साथ शुक्रवार को सिक्योरिटी एजेंसी से रिश्वत मांगने और लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद शनिवार सुबह से ही सीबीआई ने चारों के घर की तलाशी लेना शुरू किया। क्लर्क किशोर मीणा के छोला स्थित आवास की तलाशी में मिले कैश और सोने को देखकर अफसर भी हैरान हैं।
 ​​​​​​सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि एफसीआई के अधिकारी रिश्वत की रकम को क्लर्क के घर पर रखते थे। सीबीआई अधिकारियों काे एक डायरी भी मिली है। अधिकारियों का कहना है कि डायरी में अलग-अलग कंपनियों से फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के अधिकारियों द्वारा ली गई रिश्वत की पूरी डिटेल है। अभी सीबीआई की कार्रवाई जारी है।

एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार

सीबीआई ने शुक्रवार को सिक्योरिटी एजेंसी का 11 लाख रुपए का बिल पास करने के लिए एक लाख की रिश्वत लेते एफसीआई के चार अफसरों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो अफसरों को रंगे हाथों पकड़ा जबकि एक संभागीय मैनेजर और क्लर्क को बाद में गिरफ्तार किया गया है।

जानकारी के मुताबिक एफसीआई में गुड़गांव की एक सिक्योरिटी कंपनी कैप्टन कपूर एंड संस का ठेका है जिसका साल का 11 लाख रुपए का बिल बनता है। एफसीआई के संभागीय मैनेजर हर्ष हिनायना, अकाउंट मैनेजर अरुण श्रीवास्तव और सिक्योरिटी मैनेजर मोहन पराते 10 प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे। बाद में यह तय हुआ कि पुराने बिल का 50 हजार और नए बिल के 70 हजार रुपए देने होंगे।

इस संबंध में सिक्योरिटी कंपनी ने सीबीआई में शिकायत की थी। शुक्रवार को योजनाबद्ध तरीके से अकाउंट मैनेजर अरुण और सिक्योरिटी मैनेजर मोहन को माता मंदिर कमीशन की राशि देने बुलाया था। यहां जैसे ही उन्होंने एक लाख रुपए लिए वैसे ही सीबीआई की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। उन्होंने टीम को बताया कि यह राशि वह संभागीय मैनेजर के इशारे पर लेने आए थे तो उन्हें फोन कराया गया। हर्ष हिनायना ने बताया कि रकम क्लर्क के पास पहुंचा दो। इसके बाद सीबीआई ने संभागीय मैनेजर और क्लर्क को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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