News Update :

सहकारी बैंक में 80 करोड़ का गबन करने पर 4 अफसर , 10 कर्मचारियों को किया सस्पेंड

भोपाल 
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में हुए 80 करोड़ के गबन और धोखाधड़ी के प्रकरण में समय-समय पर शिवपुरी में सीईओ के पद पर पदस्थ रहे 4 बैंक अधिकारियों और 10 कर्मचारियों को निलम्बित किया गया है। निलंबित अफसरों में वर्तमान में टीकमगढ़ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ एएस कुशवाह, वर्तमान में मुरैना में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ डीके सागर, वर्तमान में रीवा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ वायके सिंह और वर्तमान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवपुरी में पदस्थ लता कृष्णन शामिल हैं।

10 कर्मचारी भी सस्पेंड

सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति सख्ती के साथ लागू है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में गबन और घोटाला करने की गड़बड़ी का मामला सामने आने पर उन्होंने 13 सदस्यीय जाँच कमेटी गठित कर गड़बड़ी के हर पहलू और उससे जुड़े प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी की भूमिका की जाँच के आदेश दिये थे। जाँच कमेटी द्वारा एक माह की समय-सीमा में जाँच कर प्रतिवेदन दिया। बैंक में गबन और गड़बड़ी के मामले में शिवपुरी के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में समय-समय पर पदस्थ रहे 4 मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, शिवपुरी बैंक के प्रबंधक, लेखापाल और लिपिक संवर्ग के कुल 10 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जाँच समिति के प्रतिवेदन पर आरोपी अधिकारियों - कर्मचारियों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए बैंक कैडर के प्रथम श्रेणी के 3 अधिकारी, द्वितीय श्रेणी की एक अधिकारी और बैंक के 10 कर्मचारियों को निलम्बित किया गया है। गबन करने वालों की सम्पत्ति को बैंक द्वारा सीज भी कर लिया गया है।
 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में एएस कुशवाह एक जनवरी 2006 से 22 जून 2012 और 21 अगस्त 2015 से 8 मार्च 2019 तक पदस्थ रहे। इस दौरान कुशवाह ने अपने कर्त्तव्यों का ठीक से निर्वाह नहीं किया। इसके परिणाम स्वरूप बैंक की शाखा कोलारस में गबन का घोटाला हुआ। समिति की जाँच ने अपने प्रतिवेदन में कुशवाह की बैंक गबन और घोटाले में संलिप्तता होने का उल्लेख किया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक शिवपुरी में 6 मार्च 2014 से 21 मार्च 2015 तक पदस्थ रहे डीके सागर, 11 मार्च 2019 से 8 जुलाई 2020 तक पदस्थ रहे वायके सिंह और 6 जुलाई 2020 से अब तक पदस्थ लता कृष्णन को भी जाँच दल ने कर्त्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही और उपेक्षापूर्ण कार्य-प्रणाली से बैंक में गबन और घोटाला होने के लिये जिम्मेदार माना है। 

निलम्बन अवधि में अलग अलग मुख्यालय

प्रशासक अपेक्स बैंक नरेश पाल कुमार द्वारा निलम्बित चारों अधिकारियों में कुशवाह, सागर, सिंह प्रथम श्रेणी केडर के अधिकारी हैं जबकि लता कृष्णन द्वितीय श्रेणी कैडर की अधिकारी हैं। चारों निलम्बित अधिकारियों को निलम्बन अवधि में अलग-अलग मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। कुशवाह को सहकारी बैंक शाखा सागर, सीईओ सागर को राज्य सहकारी बैंक शाखा ग्वालियर, सिंह को राज्य सहकारी बैंक शाखा रीवा और कृष्णन को राज्य सहकारी बैंक मुख्य शाखा टी.टी. नगर भोपाल से संबद्ध किया गया है। प्रशासक राज्य सहकारी बैंक द्वारा जारी आदेश में हवाला दिया गया है कि आर्थिक अनियमितता और गबन के संबंध में डॉ. अनिल कुमार को जाँच दल का प्रमुख बनाया गया था। डॉ. अनिल कुमार के साथ 12 अन्य अधिकारी-कर्मचारी जाँच दल से संबद्ध थे। 

share

0 comments

Leave a Reply

Copyright 2015 MP Breaking News All rights reserved