News Update :

हिन्दू-मुस्लिम आबादी पर दिग्विजय का बयान फिर चर्चा में, बोले बढ़ नहीं घट रही मुस्लिम आबादी

भोपाल

पूर्व मुख्यमंत्र दिग्विजय सिंह एक बार फिर हिंदू-मुसलमान की बढ़ती आबादी को लेकर चर्चा में हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय ने कहा कि मुसलमानों की जन्म दर घट रही है और वर्ष 2028 तक हिंदुओं और मुसलमानों की जन्म दर बराबर हो जाएगी। एक स्टडी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1951 के बाद से मुसलमानों की जन्म दर में गिरावट हिंदुओं की तुलना में अधिक रही है। 

सीहोर में किसान पदयात्रा कार्यक्रम के समापन के दौरान बुधवार को टाउन हॉल में दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये कहते हैं कि मुसलमान 4-4 बीवी रखते हैं। दर्जनों बच्चे पैदा कर लेते हैं और 10-20 साल बाद मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे और हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे। मैं चुनौती देता हूं जो भी मुझसे चर्चा करना चाहें कर लें।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने कहा की एक स्टडी से पता चलता है कि देश में हिंदुओं के मुकाबले मुसलमानों की जन्म दर लगातार घट रही है। 1951 से लेकर आज तक मुसलमानों की जन्म दर जितनी तेजी से घट रही है उतनी तेजी से हिंदुओं की जन्म दर नहीं घटी है लेकिन आज भी मुसलमानों की जन्म दर 2.7 है और हिंदुओं की 2.3 है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जन्म दर घट रही है, उसके आधार पर 2028 तक हिंदुओं की और मुसलमानों की जन्म दर बराबर हो जाएगी और उस समय पूरे देश में जनसंख्या स्थिर हो जाएगी। जो भी बढ़ोतरी होगी वो 2028 तक होगी। उसके बाद नहीं होगी।

 मोदी और  ओवैसी पर निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज खतरा बताकर हिंदुओं को गुमराह किया जाता है और दूसरी तरफ एक ओवैसी साहब हैं जो मुसलमानों को खतरा बताकर वोट कमाना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी हिंदुओं को खतरा बताते हैं, ओवैसी मुसलमानों को खतरा बताते हैं। न हिंदुओं को खतरा है और न मुसलमानों को खतरा है।

जानिए उस रिपोर्ट के बारे में
दिग्विजय सिंह ने जिस रिपोर्ट का जिक्र किया है, वह प्यू रिसर्च सेंटर वॉशिंगटन डीसी ने तैयार की है। सेंटर ने यह अध्ययन हर 10 साल में होने वाली जनगणना और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़ों के आधार पर किया है। इसमें बताया गया है कि भारत की धार्मिक आबादी में किस तरह के बदलाव आए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई लगभग सभी धार्मिक समूहों की प्रजनन दर में काफी कमी आई है। भारत में सबसे ज्यादा हिंदुओं की आबादी है और आम धारणा है कि मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है लेकिन इस रिपोर्ट में 1992 से 2015 के बीच के आंकड़ों को सामने रखते हुए बताया गया है कि सभी धार्मिक समूहों में जन्म दर (बच्चों की संख्या) में कमी आई है।

share

0 comments

Leave a Reply

Copyright 2015 MP Breaking News All rights reserved