मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पांच उपाय करने होंगे। उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा, उत्पादन की लागत घटानी पड़ेगी, किसान जो चीज पैदा करें, उसका ठीक दाम उसको देना पड़ेगा। किसान की फसल के नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी। कृषि का विविधिकरण करना पड़ेगा।
किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग द्वारा जनकल्याण और सुराज अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि फसलों का विविधीकरण बहुत ज़रूरी है। फसलों का चक्र बदलने से ज़मीन का स्वास्थ्य बेहतर होता है। हम दलहन और तिलहन की फसलों पर ज़ोर दे सकते हैं। इसके अलावा भी बहुत सारे विकल्प हैं। इस पर भी हम गंभीरता से सोचें।
कोरोना की कड़की के समय हमने एक हफ्ते के अंदर फसल बीमा योजना के 3100 करोड़ रुपए किसानों के खातों में जमा कराए और फिर दूसरे साल के 9000 करोड़ रुपए भी किसानों के
खातों में डाले।
सीएम चौहान ने कहा कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से पूछना चाहता हूँ कि उनकी सरकार ने 2019 का फसल बीमा योजना का रु. 2, 200 करोड़ का प्रीमियम क्यों नहीं जमा किया.....?
हमने किसानों को उत्पादन की लागत घटाने के लिए 0% ब्याज़ पर ऋण देना प्रारम्भ किया। डीएपी की कीमत बढ़ी लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने रु. 1,200 में ही डीएपी की बोरी देने का निर्णय लिया। इसमें अतिरिक्त खर्च केंद्र सरकार वहन करती है।
सीएम चौहान ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदेश के अधिकारियों के साथ केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। मुझे बताते हुए खुशी है कि एग्रो-इंफ्रा फंड का प्रदेश ने बेहतर उपयोग किया है। रु. 1,000 करोड़ के कार्य स्वीकृत हुए हैं जिसमें रु. 600 करोड़ विमुक्त हुए हैं।

share