मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पार्टी की विचारधारा के अनुरुप कार्यरत होकर, प्रदेश की लगभग साढ़े सात करोड़ जनता की चिंता अपने जान से भी बढ़कर करते हैं। ये हमेशा ही देखने में आया है कि जब भी प्रदेश की जनता पर किसी भी प्रकार की विपदा-आपदा आई तब उन्होंने स्वयं की परवाह न करते हुए तुरंत जनता के बीच पहुँचकर उसे संकट से बाहर निकाला। यही वजह है कि जनता जनार्दन को भगवान् का दर्जा देने वाले शिवराज को प्रदेश की जनता भी अपना मसीहा मानती है। चाहे वो किसान हो, दिहाड़ी हो, लघु अथवा मध्यम व्यापारी हो, निम्न अथवा मध्यवर्ग हो, शिवराज सभी के दिलों में समाए हुए हैं, या ये कहें कि "जन-जन के दिलों पर करते हैं राज, मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज", तो भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
इसी प्रकार, जब-जब पार्टी को शिवराज की जरूरत पड़ी वो तन-मन-धन, जी-जान से पार्टी की सेवा में जुटे रहे। कुछ दिनों पूर्व शिवराज को पार्टी का आदेश मिला तो वो तत्काल गोवा और उत्तराखंड में पार्टी का प्रचार करने पहुँच गए और एक स्टार प्रचारक की भूमिका में पार्टी का धुआंधार प्रचार किया। उल्लेखनीय है कि शिवराज न केवल विनम्रता और मृदुभाषिता के लिये, बल्कि अपनी वाकपटुता, अकाट्य तार्किकता एवं बुद्धि कौशल्य के लिये भी जाने जाते हैं। अपने अकाट्य तर्कों से वो विपक्षियों की बोलती बंद कर देते हैं।
वर्तमान में शिवराज उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं, बावजूद इसके कि चन्द दिनों पहले ही उन्हें कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया था और जैसे ही उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई वो तत्काल पार्टी की सेवा में निकल पड़े जबकि चिकित्सकों ने उन्हें कुछ दिन और पूर्ण विश्राम की सलाह दी थी। कोरोनाग्रस्त होने के दौरान भी वो तत्परता से पार्टी की सेवा में लगे रहे और लगातार वर्चुअल रुप से अपनी जनता से जुड़े रहे।
चाहे एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण हो या परम संत रविदास की जयंती, जिन्होंने इस धरा पर भाईचारे का पाठ पढ़ाया, उसका कार्यक्रम हो, हर मौक़े पर शिवराज पूरे जोश और उत्साह के साथ जनता के बीच रहे। अब वो फिर पार्टी का आदेश मानते हुए उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ रैलियाँ-सभाएँ कर रहे हैं, समूचे उत्तरप्रदेश में पार्टी का परचम लहरा रहे हैं। ये दर्शाता है कि शिवराज ने पार्टी के आदेश को सदैव सर्वोपरि माना और पार्टी को और भी अधिक मज़बूती प्रदान करने के लिये दिन-रात, निरंतर प्रयास करते रहते हैं।
शिवराज के विचार, लगन, कर्मठता की पार्टी का प्रत्येक छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा नेता-कार्यकर्ता खुले दिल से प्रशंसा करता है। "प्रत्येक कार्यकर्ता के पैर में चक्कर, मुँह में मिठास और सर पर बर्फ़ होनी चाहिये। " अर्थात प्रत्येक कार्यकर्ता को कर्मठ और निरंतर चलायमान-गतिशील होना चाहिये, उसकी वाणी में मिठास-विनम्रता होना चाहिये एवं उसका मन-मस्तिष्क ठण्डा-शान्त होना चाहिए, अपने इसी सिद्धांत पर कायम रहते हुए शिवराज सदैव जनता के बीच रहते हैं, इसीलिये प्रदेश की जनता उन्हें "पांव-पांव वाला भैया" कहती है।
आज अगर देश में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी होने के साथ ही प्रदेश और देश में भाजपा की सरकार है तो उसमें नरेन्द्र मोदी और उनके साथ कँधे से कँधा मिलाकर चलने वाले कर्मठ, जुझारू और प्रत्येक परिस्थिति में पार्टी के आदेश को सर्वोपरि मानने वाले शिवराज सिंह चौहान जैसे नेताओं का भी अमूल्य योगदान है। मोदी-शिवराज ऐसा संगम है, जो अन्य पार्टियों में दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं देता।
(लेखक भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं)

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बहुत ख़ूब..