
हर जिले में बनेंगे सामुदायिक भवन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जाएगा। इसका सीधा लाभ इस वर्ग के लिए मिलेगा और इससे उनके सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे।
सर्वोपरि है समानता का भाव
शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए कल्याणार्थ इस तरह की कई योजनाएं बनाई और लागू कीं। उनकी प्राथमिकता में समानता का भाव सर्वोपरि है। वे जनता की समस्याओं को समझकर योजनाएं बनाते हैं। तभी जनता को उसका सही लाभ भी मिल रहा है। इसके पहले लंबे समय तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही हैं लेकिन कभी भी इस वर्ग की चिंता नहीं की गई। न ही उनके हितों की रक्षा और उत्थान की योजनाएं बनाई गई। कांग्रेस ने इस वर्ग को सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए उपयोग किया जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुले मन से अनुसूचित जाति वर्ग के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए प्रयास किए हैं। आज ऐसे हजारों परिवार हैं जो उच्च वर्ग के समान सुविधाएं पाकर लाभ उठा रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री चौहान सभी वर्गों की चिंता करते हैं। वे अमीर-गरीब नहीं देखते। ऊंच-नीच का भेदभाव भी नहीं रखते। यही वजह है कि आज प्रदेश में उनकी बनाई योजनाओं का लाभ हर गरीब-अमीर और हर वर्ग उठा रहा है। सीएम चौहान की लोकप्रियता का यही कारण है कि वे सबके प्रति समानता का भाव रखते हैं। उनकी पहल पर प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इन कार्यक्रमों में सरकार के मंत्रीगण, सांसद व विधायक भी पहुंचे।
स्व-रोजगार से मिलेगी नई दिशा
सीएम द्वारा प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रूपए तक की ऋण सहायता देने का प्रावधान किया गया है। खास बात है कि इस परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था की जा रही है। अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रूपए तक का अनुदान दिया जाएगा। इन योजनाओं का लाभ उठाकर युवा खुद को आत्मनिर्भर बना सकेंगे। इससे प्रदेश का भी मान बढ़ेगा।

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