भोपाल
लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने नगर निगम के सफाई सुपरवाइजर सतीश टाक को दस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इधर इस पूरे मामले से जुड़े नगर निगम के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी (मूल पद सफाई कामगार) अजय श्रवण को लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही की खबर मिलते ही वह फरार हो गया। तलाश में श्रवण के घर पहुंची लोकायुक्त पुलिस ने उसने घर पर छापा डाला।शुक्रवार शाम को नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर सफाई कामगार श्रवण को निलंबित कर दिया गया है।
शहर के व्यापारी पंकज खूबचंदानी ने शिकायत की थी कि प्लास्टिक की थैलियों का व्यापार बिना रोक टोक के करने के एवज में नगर निगम जोन पांच के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अजय श्रवण ने दस हजार रुपए महीने की मांग उनसे की है। इस मामले में खूबचंदानी ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक मनु व्यास को शिकायत की। एसपी ने जांच करने के बाद अपने निर्देशन में एक टीम को भोपाल रेलवे स्टेशन के पास भेजा,जहां पर खूबचंदानी से रुपए लेने के लिए सतीश टाक आया, जैसे ही टाक को दस हजार रुपए दिए वैसे ही लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी संजय शुक्ला, निरीक्षक उमा कुशवाहा की टीम ने उसे दबोच लिया।
साथियों ने कर दी सूचना
जहां पर सतीश टाक ने रिश्वत लेने के लिए खूबचंदानी को बुलाया था, वहां पर नगर निगम के कुछ कर्मचारी भी आसपास मौजूद थे। जैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की,वैसे ही किसी कर्मचारी ने एएचओ अजय श्रवण को इसकी खबर कर दी। खबर मिलते ही श्रवण अपने घर से भाग गया।
तलाश में गई पुलिस ने डाला छापा
इसके बाद पुलिस ने श्रवण के घर पर पता किया और उसकी गिरफ्तारी के लिए घर पर पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। यहां पहुंची टीम ने जब उच्च अधिकारियों को घर की स्थिति बताई तो लोकायुक्त पुलिस ने आनन-फानन में घर की तलाशी की नियम प्रक्रिया पूरी की और टीम को तत्काल छापा डालने के निर्देश दिए। श्रवण के घर की इन्वेंट्री करीब 33 लाख रुपए की बताई जाती है। सवा दो साल के जेवर भी घर से मिले हैं। वहीं एक लॉकर की भी चाबी मिली है। अलग-अलग चार बैंकों में खाते की जानकारी भी लोकायुक्त पुलिस को मिली है।
