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अगले साल होगी इन्वेस्टर्स समिट, PM से मुलाकात के बाद बदलाव, महाकाल परिसर लोकार्पित करेंगे PM

भोपाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को होता है। मैंने इसे मध्यप्रदेश में आयोजित करने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया है। हम मध्यप्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट 4, 5, 6 नवंबर को आयोजित करने वाले थे, लेकिन उसकी तिथि हम बदल रहे हैं। अब यह इन्वेस्टर्स समिट प्रवासी भारतीय दिवस के पहले इंदौर में 7 और 8 जनवरी को  होगी।
उज्जैन का महाकाल परिसर लोकार्पित करेंगे प्रधानमंत्री
सीएम चौहान ने बताया कि मैंने प्रधानमंत्री को निमंत्रण दिया। उज्जैन में महाकाल महाराज की नगरी है। महाकाल महाराज का परिसर बनकर तैयार है। ये अपने आप में अद्भुत है। इस परिसर में रुद्र सागर सरोवर, शिव स्तंभ, सप्त ऋषि स्थल, कमल-कुंड, नवग्रह वाटिका उनके हाथों से संपन्न हो। मुझे प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री इस परिसर को लोकार्पित करेंगे। उन्होंने बताया गया कि मध्यप्रदेश में स्टार्टअप बड़ी तेजी से उभर रहे हैं। हमने अपनी स्टार्टअप की पॉलिसी बनाई है। स्टार्टअप की हमारी पॉलिसी बनी हुई है। उसको हम लांच करना चाहते हैं। उसके लिए भी मैंने समय मांगा तो मई मे वह समय भी हमको वर्चुअली जुड़ने का प्रधानमंत्री से मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश गेहूं का भंडार है और एमपी व्हीट पूरी दुनिया में जाना जाता है। देश में तो हमारा शरबती हो, डूरम व्हीट हो उसकी एक अलग पहचान है। मध्यप्रदेश का गेहूं निर्यात हो, इसके बारे में चर्चा हुई। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि लगभग 2 लाख 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं हमारा निर्यात के लिए जा चुका है। हमने एक्सपोर्ट के लिए सेल बनाया हुआ है जो निरंतर काम कर रहा है। एक्सपोर्टर के संपर्क में हम हैं। लगभग 20 लाख मीट्रिक टन और भी एक्सपोर्ट हो सकता है, उस पर भी चर्चा हुई। मुझे खुशी है कि कई देशों में हमारा गेहूं जा रहा है। इजिप्ट की टीम अभी आई थी। उसने भी मध्यप्रदेश के गेहूं को अपने यहां लेने की इच्छा व्यक्त की है। एक्सपोर्ट की हमारी पॉलिसी में हम कई सुविधाएं एक्सपोर्टर को दे रहे हैं। सीएम ने कहा कि मुझे बताते हुए खुशी है कि हम ग्राम और नगरों का जन्मदिन और गौरव दिवस मनाते हैं। चौहान ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि अब तक हमारे अनेक गांवों में संपन्न हो चुका है, 31 नगरीय निकाय में संपन्न हो चुका है। यह केवल गौरव दिवस नहीं होता। इस दिन गांव के लोग जो बाहर होते है वो भी आते हैं और हम अपने परिश्रम से गांव में कौन- कौन सी चीजें कर सकते हैं। कोई आंगनवाडी ठीक से संचालित करता है, कोई स्वच्छता अभियान में भाग लेता है, कोई स्कूल कैसे ठीक चले, बच्चों को और कैसे बेहतर ढंग से हम पढ़ा सकते है, गांव के उत्सव कार्यक्रम, आपके अलग-अलग लोक कलाओं का प्रदर्शन, खेलकूद स्पर्धा होती हैं तो एक अभियान के रूप में पूरे मध्यप्रदेश में गौरव दिवस मनाने की परंपरा चल पड़ी है। उसके बारे में भी मैंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है।


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