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पंचायत और नगर निकाय चुनाव बगैर OBC आरक्षण होंगे, सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 2 हफ्ते में हो नोटिफिकेशन

भोपाल

अंततः मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति खत्म हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी कर कहा है कि बगैर किसी नए आरक्षण के ही राज्य सरकार को चुनाव कराना होगा। प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि 2 हफ्ते में अधिसूचना जारी करें। ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। अभी सिर्फ एससी/एसटी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने होंगे। कोर्ट ने कहा है कि जो पार्टियां ओबीसी को आरक्षण देना चाहती हैं वह सामान्य सीट पर ओबीसी कैंडिडेट को स्थानीय निकाय चुनाव में खड़ा कर सकते हैं। उधर स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करेगी और इसके बाद कोर्ट में रिव्यू पिटिशन लगाएगी। इस पिटीशन में सरकार कोर्ट से ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत और नगर निकाय चुनाव कराने की मांग करेगी।

राज्य सरकार को झटका
राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और आज अपना फैसला सुनाया। आयोग ने ओबीसी को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी लेकिन राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट के आदेश अनुसार ट्रिपल टेस्ट नहीं करा सका। कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता। बिना ओबीसी आरक्षण के ही स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जाएंगे।

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के एजेंडे को लागू करने बीजेपी सरकार ने 56% ओबीसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी दी। ओबीसी के साथ भाजपा ने एक बार फिर धोखा किया है। हमे पहले से ही आशंका थी।

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