भोपाल
अमरवाड़ा के विधायक कमलेश शाह की बहन कामनी शाह के बगावती तेवरों ने छिंदवाड़ा में कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है। कांग्रेस के महापौर उम्मीदवार विक्रम अहाके को टिकट दिए जाने से कांग्रेस और उससे जुड़े आदिवासी संगठनों में नाराजगी है। इसके चलते ये सब मिलकर किसी एक प्रत्याशी को निर्दलीय चुनाव में उतार सकते हैं।
विक्रम अहाके का विरोध आदिवासी नेताओं ने करना शुुरू कर दिया है। कांग्रेस के टिकट से नाराज आदिवासी नेताओं की तीसरी बैठक बुधवार को हुई जिसमें सहमति बनाने का प्रयास किया गया कि सभी आदिवासी संगठन मिल कर एक निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतारें। इसमें बालाराम परतेती के अलावा विधायक कमलेश शाह की बहन कामनी शाह का नाम सामने आ रहा है। इस बैठक में बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सक्रिय हुए। बताया जाता है कि उन्होंने बालाराम परतेती से फोन पर चर्चा की। इधर यह भी बताया जा रहा है कि कमलनाथ आज सुबह अचानक कहीं चले गए, ऐसा माना जा रहा है कि वे छिंदवाड़ा के इसी मसले को सुलझाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
आदिवासियों का जी-11 उतरा विरोध में
कांग्रेस उम्मीदवार के विरोध में यहां के स्थानीय आदिवासियों के संगठन जी 11 के अध्यक्ष रहे सीताराम उइके, संजय परतेती, अनेश उइके आदि ने यह बैठक बुलाई थी, जिसमें कामनी शाह भी शामिल हुई थी।
चार थे दावेदार
छिंदवाड़ा से महापौर के लिए कांग्रेस के टिकट की दावेदारी चार नेता कर रहे थे। इनमें से जुन्नारदेव के विधायक सुनील उइके, जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष एकलव्य अहाके, विक्रम अहाके और कानिनी शाह के थे। इनमें से विक्रम अहाके को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। इसके चलते सुनील उइके अपने क्षेत्र के पंचायत चुनाव में अब सक्रिय हो गए हैं। इसी तरह एकलव्य अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पंचायत चुनाव में सक्रिय हो गए हैं, जबकि कामनी शाह अब तक नहीं मान सकी हैं।