भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बीजेपी की सरकार वार्ड और शहर को विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। आने वाले सालों में मिशन नगरोदय में 21 हजार करोड़ खर्च करेंगे। हर निकाय में कचरे को रीयूज करने का काम इंदौर की तर्ज पर करेंगे जिससे शहर को स्वच्छ बनने में मदद मिलेगी। हर शहर में पौधरोपण के लिए, गरीबों के हाट बाजार के लिए स्थान होगा। सभी तरह के छोटे व्यापारियों के लिए स्थान तय करेंगे। शहर रोजगार फ्रेंडली बनेंगे। इसके साथ ही संकल्प पत्र में जिन बातों का उल्लेख है उसके अलावा भी अगर कोई सुझाव आए तो उस पर अमल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा के महापौर और पार्षद पद के प्रत्याशियों ने विकास और जनकल्याण का संकल्प पौधा लगाकर यह संकल्प लिया है कि पौधे के रूप में नई पीढ़ी का जीवन रोपेंगे, सांसें रोपेंगे। चुनाव प्रचार पीक पर रहने के दौरान बीजेपी के जनप्रतिनिधि विकास का, पर्यावरण सुरक्षित बनाने का संकल्प ले रहे हैं। यह अनूठी घटना है। हम शहर को ग्रीन और क्लीन बनाने का संकल्प ले रहे हैं।
राजधानी के स्मार्ट सिटी पार्क में ग्रीन शहर क्लीन शहर संकल्प के दौरान पौधरोपण और नगर निकाय चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी करने के दौरान सीएम चौहान ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हर शहर में सीएम राइज स्कूल खोले जाएंगे। गरीबों के भूखे पेट न रहना पड़े, इसलिए दीनदयाल रसोई को बढ़ाएंगे। किसी ने मां, बहन, बेटियों की तरफ गलत नजर से देखा तो उनके घर जमींदोज कर दिये जाएंगे। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों को पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प दिलाया। प्रदेश भर में एक साथ हुए कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वर्चुअली शामिल हुए। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयभान सिंह पवैया, कैलाश विजयवर्गीय भी वर्चुअली जुड़े। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस मौके पर कहा कि पार्टी ने क्लीन और ग्रीन संकल्प लेकर चुनाव यात्रा में नया अध्याय शुरू किया है। बीजेपी ने प्रदेश भर यह कार्यक्रम कर इतिहास बनाने का काम किया है।
मंच से दूर बैठीं सांसद प्रज्ञा
कार्यक्रम के दौरान पौधरोपण करके सभी जनप्रतिनिधि मंच पर जा बैठे लेकिन सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पौधरोपण वाले स्थल पर ही कुर्सी पर बैठी रहीं। वहीं से उन्होंने संकल्प पत्र के विमोचन में भी हिस्सा लिया। बताया गया कि मंच पर चढ़ने में दिक्कत के चलते वे वहां बैठी थीं। वहीं दूसरी ओर यह भी कहा गया कि मंच पर कुर्सी न होने से वे बाहर बैठी रहीं।