भोपाल
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मुरैना वृत्त के अम्बाह संभाग के ग्राम लेपा में शासकीय कार्य के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारी/कर्मचारी से अभद्र व्यवहार एवं मारपीट करने के आरोप में एक आरोपी पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। बिजली के मैदानी कर्मचारियों और अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट/दुर्व्यवहार की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने तुरन्त एफ.आई.आर. कराने के निर्देश दिए।
कंपनी के मुरैना वृत्त के अम्बाह संभाग अंतर्गत खड़ियार वितरण केन्द्र में सहायक प्रबंधक नीरज लुनिया, लाईन हेल्पर वीरेन्द्र कुशवाह, संतोष कुमार प्रजापति और संदीप जाटव द्वारा शासकीय कार्य किया जा रहा था।बताया गया कि बिजली कंपनी का खड़ियाहार क्षेत्र के लेपा गांव में 4 लाख का बिल बकाया है। इसकी वसूली के लिए टीम गांव पहुंची थी। जेई नीरज लुनिया के साथ लाइनमैन वीरेन्द्र कुशवाह, संतोष कुमार प्रजापति, संदीप जाटव और संकलदीप जाटव थे। कृषि पंप उपभोक्ता वीरेंद्र सिंह तोमर पर 25 हजार रुपए का बिजली बकाया है। टीम उनके घर पहुंची तो उन्होंने रुपए देने से मना कर दिया। इस पर JE ने बिजली कनेक्शन काटने का कहा। इससे नाराज वीरेंद्र ने गाली-गलौज भी की। जेई ने इसका विरोध किया तो वीरेन्द्र ने अपने दोनों बेटे करू तोमर और टिल्लू तोमर को बुला लिया। इसके बाद तीनों ने मिलकर जेई की चप्पलों से पिटाई कर दी।
इस दौरान ग्राम लेपा निवासी वीरेन्द्र तोमर पुत्र करू तोमर एवं टिल्लू तोमर द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डालने के साथ ही बिजली कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, जातिसूचक गालियाँ एवं मारपीट की गई। कंपनी द्वारा घटना के तुरंत बाद सिहोनिया थाने में शासकीय कार्य में बाधा डालने, अधिकारी/कर्मचारी से मारपीट एवं दुर्व्यवहार करने पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। थाना सिहोनिया द्वारा आरोपियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 अधिनियम की धारा 353, 332, 323, 294, 506, 34 एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम, 1989 (संशोधन 2015) की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध) एवं 3(2)(श्ं) में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी गई है।
कंपनी ने कहा है कि प्रायः देखने में आ रहा है कि बिजली कर्मियों पर ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट/दुर्व्यवहार किया जा रहा है। चूंकि ऐसी घटनाएँ विद्युत अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल गिराती हैं, इसलिए कंपनी के कार्य-क्षेत्र में कार्यरत सभी नियंत्रणकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मैदानी अधिकारी/कर्मचारियों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार या मारपीट की घटनाओं को पूरी गंभीरता से लिया जाए।
