भोपाल
यूपीए से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिंहा की बैठक में करीब एक दर्जन कांग्रेस के विधायकों की अनुपस्थिति ने पार्टी नेताओं की धड़कन बढ़ा दी है। इस बैठक में शामिल नहीं होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या आदिवासी विधायकों की ही थी। इसके चलते अब पार्टी को बगावत का डर भी सताने लगा है। इस अनुपस्थिति के बाद कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के चलते अपने आदिवासी विधायकों पर नजर गड़ा दी है।
कांग्रेस की गुरुवार को हुई बैठक में करीब एक दर्जन आदिवासी विधायक शामिल नहीं हुए। इनकी अनुपस्थित को लेकर बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सफाई भी दी कि अनुपस्थित विधायक पंचायत चुनाव की काउंटिंग में व्यस्त हैं, इसलिए नहीं आ सके। उधर उनकी सभी से बात हो चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी विधायकों की अनुपस्थित को लेकर कांग्रेस अंदर ही अंदर चिंतित हो उठी हैं। इसके चलते कांग्रेस के कई नेताओं को इस विधायकों से लगातार संपर्क बनाने को कहा गया है। गौरतलब है कि भाजपा से घोषित प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं और अब कांग्रेस को आदिवासी विधायकों की बगावत का डर सताने लगा है।
ये नहीं रहे मौजूद
बताया जाता है कि बैठक में अनुपस्थित रहने वाले कांग्रेस के आदिवासी विधायकों में से फुंदेलाल मार्को, ओमकार सिंह मरकाम, अर्जुन सिंह काकोडिया, सुनील उइके, कमलेश शाह, निलेश उइके, धरमू सिंह सिरयाम, झूमा सोलंकी, चंद्रभागा किराडे, सुरेंद्र सिंह बघेल हनी, हर्ष गेहलोत बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि इसमें से कई ऐसे हैं जो यह दावा कर रहे हैं कि वे पार्टी के निर्णय के साथ ही जाएंगे।