भोपाल
नगर निकाय और पंचायत चुनावों के साथ बीजेपी अब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसीलिए संगठन स्तर पर पार्टी की मजबूती के लिए कुछ कठोर फैसले लेकर उन पर अमल के लिए रणनीति बनाई जा रही है। प्रदेश संगठन ने तय किया है कि अब प्रदेश भर में होने वाली संगठनात्मक बैठकों के लिए सत्ता का सहयोग नहीं लिया जाएगा। संगठन अपने स्तर पर सभी व्यवस्थाएं करेगा। इसके साथ ही संगठन ने यह भी तय किया है कि पार्टी में जो नेता बाहर से आए हैं, उन्हें अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए पार्टी एक अलग पाठ्यक्रम तय करेगी।
विधानसभा चुनाव में 55 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी के पक्ष में करने की रणनीति पर फोकस करने वाले प्रदेश भाजपा संगठन ने अब संगठन के पदाधिकारियों के कामकाज में और कसावट के साथ उन्हें कार्यकर्ताओं से सीधे समन्वय बनाने और फैसले लेने पर जोर दे रही है। इसी के चलते सभी जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि उन्हें काम मिला है तो अच्छे से करें और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के बीच में काम बांटें लेकिन जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे पूरी करना जरूरी है। संगठन ने यह भी कहा है कि पार्टी के कार्यक्रमों और बैठकों को लेकर सत्ता से सहयोग नहीं लिया जाना है। यह काम संगठन को अपने स्तर पर करना है। इसका भी ध्यान रखा जाए और ऐसे मामलों में शिकायतों की स्थिति नहीं बनने पाए। संगठन ने साथ ही कहा है कि जिला अध्यक्ष इसी माह यह भी बताएंगे कि किस जिले में बाहर से यानी दूसरे दलों से कौन से नेता पार्टी में आए हैं। इन नेताओं को पार्टी अलग से कार्यक्रम तय कर प्रशिक्षण देगी। इनके प्रशिक्षण के लिए अलग से पाठ्यक्रम तय किया जाएगा।
चक्रीय प्रवास करेंगे प्रदेश पदाधिकारी
भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की जिम्मेदारियों में संगठन ने और भी बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। अब तक ये पदाधिकारी अपने प्रभार के जिले और संभागों में ही प्रवास करते रहे हैं और बैठकों व संवाद के जरिये जिलों, मंडलों की रिपोर्ट संगठन को देते रहे हैं लेकिन अब इनका प्रवास प्रदेश भर में चक्रीय क्रम में होगा यानी एक पदाधिकारी दूसरे पदाधिकारी के लिए तय प्रभार के जिलों में प्रवास करेगा और संगठन को रिपोर्ट देगा। यह व्यवस्था भी सितम्बर से शुरू होने वाली है।
सभी सात मोर्चों का प्रशिक्षण होगा
संगठन ने तय किया है कि भाजपा के सभी सातों मोर्चों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम सितम्बर में सात संभागीय मुख्यालयों में होगा। इसमें भाजपा अजा, अजजा, महिला मोर्चा के अलावा युवा मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा समेत अन्य सभी को टेÑनिंग देकर पार्टी की आगामी रणनीति के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन्हें भी बताया जाएगा कि संगठन के काम के लिए सत्ता का सहयोग नहीं लेना है और कैसे यह सहयोग लिए बगैर बैठकें और कार्यक्रम संचालित किए जा सकते हैं।