बुढापे का सहारा बने 'मामा शिवराज'
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जननायक विकास पुरुष भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान लगातार अपने प्रदेश वासियों की बेहतरी के लिए लगातार कदम उठाते रहते हैं। मुझे लगता है ऐसा दयालु मुख्यमंत्री मप्र के इतिहास में न हुआ है न होगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए 5 लाख तक का कैशलैस हेल्थ बीमा लाने पर विचार कर रहे हैं। कहीं न कहीं जब व्यक्ति 62 की उम्र पार करता है तो उसे कई बीमारियां घेर लेती हैं और जिस तरह की भागम भाग की जिंदगी आजकल चल रही है वह एक समय के बाद बुजुर्ग व्यक्ति के लिए तकलीफ का कारण बनती है। आज-कल देखा जा रहा है कि ज्यादातर बच्चे पढ़ाई व नौकरी के लिए बाहर जाते हैं और घर में बुजुर्ग माता-पिता अकेले रहते हैं। जिन्हें बीमारी के समय सिर्फ अस्पताल का ही सहारा रहता है।
मध्य प्रदेश सरकार ऐसे सरकारी सेवा से रिटायर्ड लोगों के लिए 5 लाख तक का कैशलैस हेल्थ बीमा लागू करने पर विचार कर रही है। यह योजना इन पेंशनर्स के लिए अति लाभकारी होगी, क्योंकि अस्पतालों में इलाज तो उपलब्ध है पर उस पर खर्च बहुत हो जाता है। बुजुर्ग अपनी पेंशन पर ही अपना खर्चा चलाते हैं और बीमारी के समय अस्पताल का खर्च उनके लिए कहीं न कहीं बहुत मुसीबत बन जाता है। अगर सरकार कैशलैस हेल्थ बीमा लागू कर देगी तो इन कर्मचारियों पेंशनर्स के लिए एक बहुत बड़ी राहत हो जाएगी, उन्हें यह बुढ़ापे का सहारा बनेगी। पूर्व में भी मध्य प्रदेश के लोकप्रिय, लाडले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेंशनर्स का डीए बढ़ाया जो कहीं न कहीं उनके लिए बड़ी राहत लेकर आया है। हर जरूरतमंद का सहारा बनकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हजारों, लाखों लोगों की दुआओं को प्राप्त कर रहे हैं। लोगों की यही दुआएं कहीं न कहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान को शक्ति और प्रेरणा देती हैं जिससे वे मध्य प्रदेश को तरक्की की नई राह पर ले जा रहे हैं। यूं ही मध्य प्रदेश की जनता नहीं कहती है कि प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान है तो सब संभव है।
(लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं)
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