भोपाल
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अंदर मौजूद वर्षों पुराने बांधवाधीश मंदिर में विराजे श्रीकृष्ण भगवान की पूजा को लेकर भाजपा विधायक धरने पर बैठ गए हैं। नेशनल पार्क के बाद धरने पर बैठे विधायक को समझाने के लिए उमरिया कलेक्टर, एसपी और वन विभाग के अफसरों की टीम जुटी है। विधायक का कहना है कि राजघराने के इस पुश्तैनी मंदिर में होने वाली पारंपरिक पूजा में वे लोगों के साथ ही शामिल होंगे जबकि प्रशासन ने साफ कह दिया है कि मंदिर में एक दो लोगों के अलावा भीड़ को नहीं जाने दिया जा सकता है। इसकी वजह यहां जंगली हाथियों का मूवमेंट है। एक दो दिन पहले हाथियों के झुंड ने यहाँ तोड़फोड़ भी की थी। इस मामले में विधायक दिव्यराज सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी घटनाक्रम से अवगत कराते हुए पूजा स्थल पर जाने से रोकने पर आपत्ति जताई है।
उमरिया जिले में स्थापित इस मंदिर के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मंदिर साल भर में एक बार ही सिर्फ जन्माष्टमी के दिन खुलता है। बांधवाधीश नाम से स्थापित मंदिर में रीवा राजघराने के वंशज पूजा करने पहुंचते हैं और इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं का जमावड़ा भी यहां लगता है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से करीब एक किमी दूरी में मौजूद इस मंदिर परिसर के आसपास जन्माष्टमी के दिन मेला भी लगता है। इसलिए आस-पास के लोग धार्मिक मान्यता के चलते जुटते हैं। मंदिर में पूजा के लिए पूर्व मंत्री व रीवा महाराजा पुष्पराज सिंह और उनके विधायक बेटे दिव्यराज सिंह भी हर साल जाते हैं। इस साल प्रशासन ने सुरक्षा के चलते मंदिर में जाने पर रोक लगा दी है। इसलिए यहां गुरुवार से विवाद की स्थिति बनी है। विधायक दिव्यराज कल से नेशनल पार्क गेट के बाहर धरने पर बैठे हैं।
कलेक्टर एसपी अकेले ले जाने को तैयार
इस मंदिर के पास ही करीब 17 हाथियों का मूवमेंट एक सप्ताह से है। यह रिपोर्ट कलेक्टर और एसपी को वन विभाग के अफसरों ने दी है। इसके चलते मंदिर जाने पर रोक लगाई गई है। विधायक के धरने के चलते शुक्रवार को सुबह कलेक्टर, एसपी और वन विभाग के अफसर वहां पहुंचे और हजारों लोगों की मौजूदगी के बीच बंद गाड़ी में विधायक को समझाने की कोशिश की। बताया गया कि प्रशासन ने कहा है कि एक दो लोगों को मंदिर में ले जाकर पारंपरिक पूजा करने के लिए प्रशासन तैयार है लेकिन पूरी भीड़ को वहां जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसी को लेकर चार घंटे से विधायक, अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद विधायक को अकेले पूजा कराने ले जाया गया। आमतौर पर यह मंदिर जन्माष्टमी के दिन सुबह चार बजे से खुल जाता है और इस बार बंद ही रहा। विधायक ने पूजा में व्यवधान के लिए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और नेशनल पार्क के डायरेक्टर को जिम्मेदार बताते हुए उन्हें उमरिया से हटाने की मांग की है।
कबीरचौरा खाली कराने हुई हुज्जत
विधायक दिव्यराज सिंह के साथ प्रशासन के अफसरों की बहस के दौरान अफसरों ने कबीर चौराहा के पास धरने पर बैठे विधायक को उठाने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन वे उठने के लिए तैयार नहीं थे। प्रशासन का कहना था कि मंदिर के पास मेला नहीं लग सकता इसलिए चौरा के आसपास में मेला लगाने की व्यवस्था की गई है ताकि लोगों को कृष्ण जन्माष्टमी मेले की सुविधा में व्यवधान न हो।