भोपाल
नरसिंहपुर जिले की प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जेएस विलसन को 92 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस दिए बगैर सस्पेंड कर बहाल किये जाने, 27 लाख रुपये का गबन करने के आरोपी कर्मचारी पर एफआईआर न कराने और विद्यालयों की मान्यता के मामले में गड़बड़ी के आरोप में नोटिस जारी किया गया है। कलेक्टर ने इस मामले में 3 कर्मचारियों को सस्पेंड भी किया है।
जांच में विभिन्न अनियमितताओं में संलिप्तता पाये जाने पर कलेक्टर रोहित सिंह ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय गोटेगांव में पदस्थ सहायक ग्रेड- 3 अतुल मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्थापना लिपिक सहायक ग्रेड- 3 ललित किशोर कौरव और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लेखापाल राजेश नामदेव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
निलंबित कर्मचारी अतुल मिश्रा के कार्यकाल में 27 लाख रुपए के गबन की जांच जारी है। ललित किशोर कौरव सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना कार्यालय से अनुपस्थित हैं, इस कारण से वांछित रिकार्ड प्राप्त नहीं होने से जांच प्रभावित हो रही है। राजेश नामदेव द्वारा अशासकीय शालाओं की मान्यता एवं उनके नवीनीकरण के प्रकरणों में गड़बड़ी प्रथम दृष्टया प्रमाणित हुई है। निलंबन अवधि में अतुल मिश्रा का मुख्यालय जनपद पंचायत सांईखेड़ा, ललित किशोर कौरव का मुख्यालय तहसील कार्यालय गोटेगांव और राजेश नामदेव का मुख्यालय जनपद पंचायत कार्यालय चीचली नियत किया गया है।
जांच में आये ये तथ्य सामने
जांच प्रतिवेदन के अनुसार विलसन द्वारा वरिष्ठ अधिकारी के अनुमोदन के बगैर विकासखंड शिक्षा अधिकारी करेली के रिक्त पद पर प्राचार्य शाउमावि समनापुर एनके शर्मा का नियुक्ति आदेश स्वयं के हस्ताक्षर से जारी किया गया। विकासखंड कार्यालय नरसिंहपुर के आहरण एवं संवितरण के अधिकार स्वयं के हस्ताक्षर से स्वयं के लिए बगैर सक्षम अधिकारी के अनुमोदन से जारी किये। 92 शिक्षकों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये बगैर किसी ठोस आधार के बिना निलंबित किया। इसके लिए सक्षम अधिकारी से अनुमोदन भी नहीं लिया। इन शिक्षकों और कर्मचारियों को बगैर जांच एवं आरोप पत्र जारी किये एक माह के अंदर बहाल भी कर दिया। बहाली में उन्हें मनचाहे स्थानों पर पदस्थ किया गया।
एसडीएम नरसिंहपुर ने की थी जांच
जनसुनवाई और अन्य माध्यमों से तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जेएस विलसन द्वारा की गई वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं की लगातार गंभीर शिकायतें मिलने पर इनकी जांच के लिए नरसिंहपुर कलेक्टर रोहित सिंह ने एसडीएम नरसिंहपुर राजेश शाह को अधिकृत किया था। एसडीएम शाह के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने विलसन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस का जबाव 3 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। जबाव नहीं प्रस्तुत करने पर एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
27 लाख का गबन करने वाले पर FIR नहीं, सस्पेंड कर बहाल कर दिया
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा प्राथमिक शिक्षक हिरनपुर टोला मोहम्मद अकरम हनफी को वेतन संबंधी कार्यों में सहयोग कर सुनियोजित ढंग से षड़यंत्र रचकर लगभग 27 लाख रुपए की शासकीय राशि के गबन में निलंबित किया गया। बीईओ गोटेगांव के कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड- 3 अतुल मिश्रा जो वेतन देयक का कार्य कर रहे थे, उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बगैर किसी वरिष्ठ अधिकारी के अनुमोदन के हनफी को विभागीय जांच में आंशिक रूप से दोषी पाये जाने के उपरांत एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाकर उनको बहाल किया गया। इस प्रकरण में हनफी द्वारा राशि जमा करना गबन को स्वीकार करना है। इस प्रकरण में हनफी एवं संबंधित लिपिक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाना थी, जो नहीं कराई गई।
सस्पेंड कर बहाल किया और वहीं पदस्थ किया
प्राथमिक शिक्षक इमलिया लोकेश बसेड़िया को निलंबित कर उन्हें ऊमरपानी प्राथमिक शाला में बहाल कर पदस्थ किया गया। इस आदेश में पुन: संशोधन कर उन्हें प्राथमिक शाला कठौतिया में पदस्थ किया गया। कठौतिया में पदस्थ शिक्षिका पूनम ठाकुर को महगुवां चीचली में बहाल करने के बाद पदस्थ किया गया। लोकेश बसेड़िया की पत्नी माया बसेड़िया को बालक प्राथमिक शाला से निलंबित कर उन्हें बहाल करते हुए उनके पति के साथ प्राथमिक शाला कठौतिया में ही पदस्थ किया गया।
आउट सोर्स से खुद कर ली भर्ती
डीईओ विलसन द्वारा मुकेश गढ़ेवाल माध्यमिक शिक्षक हिनौतिया के विरुद्ध अनधिकृत रूप से निलंबन की कार्रवाई की गई, जबकि विलसन को अधिकार प्राप्त नहीं है। शिक्षा विभाग में आउटसोर्स माध्यम से कर्मचारियों की पूर्ति एमपी कॉन एजेंसी करती है परंतु विलसन द्वारा 100 से अधिक कर्मचारी विभिन्न पदों पर भर्ती कराये गये। इस संबंध में जांच अधिकारी को संबंधित रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं कराया गया। स्वयं की सेवा पुस्तिका में वर्ष 2021 की वेतन वृद्धि की स्वीकृति स्वयं द्वारा दर्ज कराई गई। इस संबंध में सक्षम अधिकारी का वेतन वृद्धि स्वीकृति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं पाया गया।
18 अगस्त से बगैर अवकाश बाहर हैं विलसन
विलसन द्वारा जिले की अशासकीय शालाओं की मान्यता एवं नवीनीकरण के प्रकरणों में आवश्यक शर्तें पूरी नहीं होने के बावजूद भी नवीन मान्यतायें दी गई और उनके नवीनीकरण किये गये। विलसन को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद से हटाने एवं उनके विरुद्ध जांच कराने के बावजूद कार्यालय की नस्तियां उनके द्वारा अनधिकृत रूप से अपने निवास पर ले जाई गई। किसी सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराये बगैर 18 अगस्त से विलसन जिला मुख्यालय से अनुपस्थित हैं। उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के आदेश की अवहेलना करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नरसिंहपुर में उपस्थिति भी नहीं दी है। लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश के आदेश द्वारा विलसन की पहले एक वेतन वृद्धि और इसके बाद दो वेतन वृद्धियां रोकी गई। इसके बावजूद आदेश को विलसन की सेवा पुस्तिका में दर्ज नहीं किया गया।