बूथ स्तर तक पार्टी का डिजिटलीकरण कर चुकी भाजपा में अब पन्ना प्रमुखों का कद बढ़ेगा। इसके लिए पार्टी अभी से प्लानिंग करने जा रही है ताकि अगले साल होने वाले चुनाव के पहले पन्ना प्रमुखों की भूमिका को सशक्त रूप दिया जा सके। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि पन्ना प्रमुखों की भूमिका पार्टी के कार्यक्रम और केंद्र व राज्य सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं को पहुंचाने में बहुत ही अहम है। ये वोटर से सीधे जुड़कर उनका फीडबैक संगठन तक पहुंचाने में असरकारी होंगे।
बीजेपी ने पिछले दो सालों में हुए उपचुनावों के दौरान विधानसभा क्षेत्रों में पन्ना समितियों का गठन भी शुरू किया है। हालांकि अभी ये समितियां पूरे प्रदेश में व्यापक तौर पर नहीं बन सकी हैं लेकिन अब चूंकि चुनाव अगले साल ही होने हैं। इसलिए संगठन इसे सभी विधानसभा क्षेत्रों में लागू करने में तेजी लाने का काम करेगा। अभी जो व्यवस्था है उसके अनुसार चार लाख पन्ना प्रमुख बनाए जा चुके हैं और बूथ अध्यक्षों को संगठन एप में यह सुविधा दी गई है कि वे अपने क्षेत्र के पन्ना प्रभारियों (प्रमुखों) की नियुक्ति कर उसे एप में दर्ज करने का काम करेंगे। इसके साथ ही पन्ना समितियों के गठन का काम भी तेज किया जाएगा ताकि समय पर संगठनात्मक फैसलों की जानकारी वोटर की जरूरत के हिसाब से वहां तक पहुंचाई जा सकें। चूंकि बीजेपी केंद्र व राज्य सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं के हितग्राहियों पर खासा फोेकस कर रही है, इसलिए इसमें भी पन्ना प्रमुखों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
यह होता है पन्ना प्रमुख (प्रभारी)
वोटर लिस्ट के एक पन्ने पर दर्ज तीस वोटर में किसी एक को पार्टी पन्ना प्रमुख (प्रभारी) बनाती है। अब अगर पांच वोटर को एक परिवार मान लें तो हर पन्ने में छह परिवार हुए। इसमें हर परिवार से एक सदस्य शामिल कर पांच लोगों को पन्ना समिति बनाई जानी है। पन्ना प्रमुख ही इसका प्रमुख होगा। इनकी जिम्मेदारी अपने और पड़ोसी परिवारों से संपर्क कर पार्टी के लिए समर्थन जुटाने की रहेगी। पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति के बाद संगठन इन्हें बूथ के त्रिदेव की तर्ज पर बाकायदा पहचान पत्र भी दे सकता है।
वोटिंग और वोट का बेस बढ़ाने में करेंगे मदद
संगठन का मानना है कि पन्ना समितियां वोटिंग और वोट बेस, दोनों ही बढ़ाने में अहम हो सकती हैं। समिति के हर सदस्य को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह हर परिवार से कम से कम तीन वोटरों को भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करे। इससे पन्ने की जीत बूथ और बूथ की जीत विधानसभा सीट की जीत में बदलने में मदद करेगी। पन्ना समितियों को उनकी ताकत का एहसास कराने भाजपा पहचान पत्र देने पर भी फैसला लेने वाली है। ऐसी स्थिति में उनका पूरा डेटा तैयार किया जाएगा जिसमें जन्मदिन से लेकर वैवाहिक वर्षगांठ तक का विवरण शामिल रहेगा। अभी यह जानकारी बूथ स्तर तक के लिए संकलित की जाती है।
इनका कहना.......
प्रदेश में फिलहाल चार लाख पन्ना प्रमुख बनाए जा चुके हैं और इसका काम चालू भी है। इसके लिए बूथ अध्यक्षों को संगठन एप में सुविधा दी जा रही है कि वे पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति कर एप में जानकारी दर्ज करें। चुनाव का समय नजदीक आने के साथ अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी संगठन करेगा।
-रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री, भाजपा
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