भोपाल
महिला और बाल विकास के प्रमुख सचिव अशोक शाह द्वारा महिलाओं स्तनपान को लेकर दिए गए बयान का विरोध जारी है। कांग्रेस के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी आईएएस अफसर और विभाग के प्रमुख शाह के बयान का विरोध किया है। उमा भारती ने इस को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बात कर आपत्ति भी जताई है। उन्होंने कहा है कि ऐसे अफसर महिला विरोधी एवं व्यक्ति विरोधी बयान देकर सरकार की छवि खराब कर रहे हैं।
उमा भारती ने ट्वीट कर कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार के लाडली लक्ष्मी 2.0 कार्यक्रम में भाषण देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत एवं हास्यास्पद कथन देखा। हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री महिलाओं के सम्मान के लिए बहुत सजग एवं संवेदनशील हैं, जब मैंने फोन पर बात करके उनको यह बात बताई तो वह इस कथन से असहमत एवं आश्चर्यचकित थे। मुख्यमंत्री की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को सुन नहीं पाए। मुझे लगता है कि वह इस कथन को ठीक करने का रास्ता स्वयं निकाल लेंगे।
बेटी विरोधी, माता विरोधी है बयान
पूर्व मुख्यमंत्री उमा ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि “हमारी योजना के कारण अब 42% महिलाएँ अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं जबकि 2005 से पहले वह 15% था।”अगर यह कथन सही छपा है तो यह बेटी विरोधी, माता विरोधी एवं मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है, अधिकारियों को अपने बयान के प्रति सचेत एवं जिम्मेवार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमीर हो या ग़रीब, बेटा हो या बेटी, बच्चे के जन्मते ही हर माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती ही है, लाखों में एक केस में कई कारणों से ऐसा नहीं होता होगा। आखिर सारी महिलाएँ बेटियाँ ही हैं वो ज़िंदा कैसे रह गईं। गौरतलब है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ और कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने महिला बाल विकास के प्रमुख सचिव अशोक शाह के बयान पर आपत्ति करते हुए इसे महिलाओं का अपमान बताया है और मुख्यमंत्री से इस अफसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही कहा है कि अफसर को सार्वजनिक रूप से प्रदेश की माताओं से माफी मांगना चाहिए।