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घोटाला: 40 किलो धान की बोरी में 14 किलो निकला धान, 35 हजार बोरियों में हेराफेरी, FIR दर्ज

भोपाल

सागर जिले में धान के बदले भूसा (छिलका) भरकर बेचने के मामले का खुलासा हुआ है। समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए बनाए गए दिगम्बर स्व. सहायता समूह बम्हौरी केसली धान उपार्जन केन्द्र में मिली व्यापक गड़बड़ी के बाद आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया गया है। यह केस दिगम्बर स्वसहायता की संचालक मीना पति नरेन्द्र जैन, खरीदी केन्द्र प्रभारी और कम्प्यूटर आपरेटर विवेक जैन के साथ ही समिति स्तर पर नियुक्त सर्वेयर प्रशांत सेन के विरुद्ध दर्ज किया गया है। आरोपियों द्वारा अवैधानिक रूप से लाभ कमाने, शासन के साथ धोखाधड़ी की मंशा से अमानक स्तर की धान बोरियों में भरी गई थी। इन आरोपियों पर अपराध धारा 420, 406, 409, 34 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

कलेक्टर सागर दीपक आर्य के निर्देश पर थाना प्रभारी केसली एवं तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी के द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बनाए गए केंद्र की जांच के बाद यह सच सामने आया। सात जनवरी को जांच के दौरान पाया गया कि दिगम्बर स्व सहायता समूह में लगभग सभी बोरियों में धान की जगह पर धान का भूसा भरा है। लगभग 35000 बोरियों में लाल धागे से मशीन सिलाई वाली टैग लगा हुआ पाया गया।  इन सभी बोरियों में धान एवं धान की भूसी भरी हुई पाई गई। कुछ बोरियों को एक हाथ से उठाने पर वे आसानी से उठ रही थ। जांच टीम को देख सभी आरोपी भाग निकले और मोबाईल फोन बंद कर लिया था। भूसी युक्त धान से भरी सभी बोरियां प्रांगण में खुले में एवं टीन शेड के नीचे रखी थीं। 8 जनवरी को तहसीलदार केसली कैलाश कुर्मी, जिला प्रबंधक राजेश शिवा नागरिक आपूर्ति निगम सागर, टीआई केसली कृपाल मार्को, नीरज चौरसिया प्रभारी बीएम आजीविका मिशन केसली द्वारा संयुक्त रूप से दिगम्बर स्व. सहायता समूह ग्राम बम्होरी तहसील केसली धान खरीदी केन्द्र की जांच की गई।

40 किलो के बजाय बोरियों में निकला 14 किलो वजन

उपार्जित की गई धान की बोरियां अस्त व्यस्त एवं बिना स्टाकिंग किए परिसर में रखी पाई गई थीं। धान की सेंपलिंग सर्वेयर लेखराम यादव से कराई गई। जांच के दौरान बताया गया कि दिगम्बर स्व सहायता समूह बम्होरी तहसील केसली की धान परिवहन होकर ओमप्रकाश वेयर हाउस ढाना, तहसील सागर में भंडारित हो रही है।  जहां पर सर्वेयर शुभम मिश्रा पदस्थ है। कुल धान की मात्रा 6190 किलोग्राम है जो जमा की गई है जिसमें से रिजेक्ट मात्रा शून्य है। धान की गुणवत्ता की जांच कर बताया गया कि सेंपल में जिनमें कार्बनिक मात्रा (छिलका, भूसा) 10.5 प्रतिशत, अकार्बनिक पदार्थ 2.70 प्रतिशत, क्षतिग्रस्त, बदरंग दाने 8.5 प्रतिशत, अपरिपक्व, सुकड़े कुम्हलाये दाने 5.2 प्रतिशत नमी 15 प्रतिशत पाई गई। भूसे की मात्रा बोरियों में बहुत अधिक होना पाया गया।

 मौके पर रखी बोरियों में से कुछ का वजन कराया गया, जिसमें उनका वजन क्रमांश 14.250 किलोग्राम, 16.500 किलोग्राम, 15.220 किलोग्राम, 22.560 किलोग्राम, 27.00 किलोग्राम, 21.560 किलोग्राम, 24.00 किलोग्राम, 23.200 किलोग्राम, 25.400 किलोग्राम, 29.500 किलोग्राम पाया गया जबकि शासन निदेर्शानुसार बारदाने के वजन को छोड़कर 40 किलोग्राम प्रति बोरी धान का वजन की तौल की जाना है। मौके पर बोरियों का वजन बहुत कम पाया गया। मौके पर लाल रंग के धागे से सिली हुई एवं तौलकर रखी बिना सिली हुई बोरिया मिलाकर लगभग 35000 बोरियां केन्द्र पर रखी हुई पायी गई। 

ऐसे सामने आई गड़बड़ी

ई उपार्जन पोर्टल से खरीदी रिपोर्ट निकाली गई, जिसके अनुसार समूह द्वारा जांच समय तक कुल खरीदी 14363.94 क्वि., जिसमें रेडी टू ट्रांसपोर्ट मात्रा 9390.74 क्वि०, कुल परिवहन मात्रा 6190 क्वि. एवं केन्द्र पर शेष मात्रा 8173.94 लि. धान प्रदर्शित है। जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा बताया गया कि केन्द्र को कुल 27500 नग बारदाने खरीदी के लिए दिए गए थे जबकि खरीदी प्रदाय के विवरण अनुसार 40 किलोग्राम धान प्रति बारदाने के मान से कुल खरीदी 14363.94 क्वि. में 35910 नग वारदाने उपयोग किए गए, जिसमें से परिवहन की गई मात्रा में 6190 क्वि. में कुल 15475 बारदाने उपयोग किये गये। 

केन्द्र पर शेष प्रदर्शित मात्रा 8173.94 क्वि. में 20435 नग बारदाने होना चाहिए परंतु मौके पर लगभग 35,000 बारदाने में धान तोलकर रखी पाई गई। इस प्रकार केन्द्र पर 14565 अधिक बारदानों में धान तौलकर रखा जाना पाया गया । इसके साथ ही नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 27,500 नग बारदाने खरीदी हेतु दिये गये थे, परंतु केन्द द्वारा 50,475 बारदाने (परिवहन मात्रा एवं केन्द्र पर रखी मात्रा को मिलाकर) उपयोग किये गये। केन्द्र द्वारा 22975 नग बारदाने अन्य अनाधिकृत माध्यम से प्राप्त किये गये।


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