सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के अनुसार जन आंदोलन संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तुत मांगों में से ऐसी मांगे जिन पर राज्य सरकार का क्षेत्राधिकार है उस पर विचार किया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति बना दी गई है जिसमें अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा और प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग सदस्य होंगे। यह समिति 2 माह में राज्य सरकार को अपना प्रतिवेदन सौंपेगी। समिति इस मामले में भी अन्य विभागों से परामर्श करेगी। अरविंद भदोरिया के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा सभी जाति और वर्ग के कल्याण की है। ऐसे में जो भी मांगे राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आती हैं, उन पर संवैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाएगा। भदौरिया के अनुसार राज्य सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करना है। गरीबों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता में है। शिवराज सरकार इसी दिशा में आगे काम कर रही है। भदौरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ने महाराणा प्रताप की जयंती पर अवकाश की घोषणा की है। रानी पद्मावती का स्मारक बनाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की है कि रानी पद्मावती को लेकर जो फिल्म सामने आई थी उस दौरान प्रदर्शन को लेकर जो प्रकरण दर्ज किए गए थे उन्हें भी वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी जाति वर्ग धर्म के कल्याण के लिए ही काम करते हैं और उसके लिए कटिबद्ध हैं।
महात्मा गांधी चौराहे पर प्रदर्शनकारियों से सुलह करने और बातचीत के लिए सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया महात्मा गांधी चौराहे पर पहुंचे थे। यहां मंत्री से चर्चा के बाद करणी सेना के अनशन कारियों ने अनशन तोड़ा और मंत्री ने उन्हें शासन की ओर से जारी समिति गठन का आदेश सौंपा। इसके बाद करणी सेना के पदाधिकारी पहुंचे गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के निवास पहुंचे और आभार प्रकट किया। डॉ मिश्रा ने भी मुँह मीठा कराते हुए यथासंभव सहयोग करने का दिलाया भरोसा दिया। यहाँ पहुंचने वालों में करणी सेना के शैलेन्द्र सिंह झाला, गिरिराज सिंह सिसोदिया, कृष्णा बुंदेला, यादवेंद्र सिंह तोमर, लवी तोमर, विकास सिंह, एवं आशीष तोमर सहित अन्य लोग प्रतिनिधिमण्डल में शामिल रहे। गौरतलब है कि कल मंत्री डॉक्टर मिश्रा ने कहा था कि करणी सेना के पदाधिकारी से अलग नहीं है, वह परिवार के सदस्य हैं और उन्हें मना लिया जाएगा। इसके बाद आज दोपहर में सहकारिता मंत्री और गृह मंत्री के बीच इसको लेकर बैठी हुई थी। बाद में मुख्यमंत्री के निर्देश के उपरांत इस मामले में समिति गठन का निर्णय लिया गया और शाम को आंदोलन समाप्त हुआ।

share