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चंबल नदी में कैला माता के दर्शन करने जा रहे 17 श्रद्धालुओं पर मगरमच्छ का हमला, 7 डूबे

 भोपाल

राजस्थान के कैला माता मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे एमपी के 17 श्रद्धालुओं पर चंबल नदी में मगरमच्छ ने हमला कर दिया जिससे 7 श्रद्धालु डूब गए हैं। उनके डूबने की सूचना के बाद पुलिस और गोताखोरों की टीम तलाश में जुटी है। दो शवों को निकाले जाने की भी जानकारी सामने आई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना की जानकारी के बाद चंबल नदी में रेस्क्यू आपरेशन तेज करने के निर्देश दिए हैं। 

 मुरैना से लगभग 100 किलोमीटर दूर सबलगढ़ और मंडरायल(राजस्थान) की सीमा पर आज सुबह 7 ग्रामीणों की चंबल नदी में डूबने से मौत हो गई। मरने वाले सभी लोग शिवपुरी के निवासी हैं और मुरैना , सबलगढ़, टेंटरा होकर कैलादेवी दर्शन को जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक शिवपुरी के तेंदुआ थाना क्षेत्र के चिलावद गांव निवासी 17 ग्रामीण राजस्थान के करौली माता मंदिर के लिए यात्रा पर निकले थे और मुरैना, श्योपुर और राजस्थान बार्डर पर बह रही चंबल नदी को कम पानी वाले स्थान पर पैदल पार कर रहे थे। सभी 17 ग्रामीण एक दूसरे का हाथ पकड़े हुये थे। इसी बीच चंबल नदी में मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया। मगरमच्छ के हमले से ग्रामीणों में भगदड़ मच गई और वह गहरे पानी में समा गये। 

इसमें से दस को मुरैना एवं राजस्थान पुलिस के गोताखोरों ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ बचा लिया है। वहीं 2 लोगोंं के शव भी गोताखोरों ने बरामद कर दिये हैं और शेष 5 की तलाश जारी है। मुरैना जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायसिंह नरवरिया ने बताया कि घटना सुबह 7 बजे के आसपास की है। वह स्वयं, कलेक्टर व कमिश्रर के साथ मौके पर मौजूद हैं। नरवरिया ने बताया कि जहां राडीराधेन जगह पर घटना हुई है वहां नाव या पुल की व्यवस्था नहीं है जिससे लोग पैदल ही नदी पार करते हैं। मौके पर एनडीआरएफ की टीम सहित राजस्थान का पुलिस प्रशासन भी पहुंच गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। सीएम चौहान ने चंबल नदी पर हुए हादसे के मामले में रेस्क्यू में किसी तरह की कमी नहीं रखने के निर्देश दिए हैं। 

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