भोपाल
विधानसभा में विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। इसमें 48 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इस दौरान गर्भगृह में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कांग्रेस विधायकों ने की। हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं चल पाया।
शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने स्पीकर से कहा कि हमने आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। स्पीकर गिरीश गौतम ने कहा कि मुझे नहीं मिला, जब आएगा, तब देखेंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि हमने आपके कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। सिंह बोले कि भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, स्पीकर साथ देते हैं। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाना ही था तो मेरे खिलाफ लाते। मूल कार्य तो संसदीय कार्यमंत्री का था।
विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मेरी मांग है कि सदन में स्पीकर की कुर्सी किसी दूसरे को देकर सदन चलाना चाहिए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने स्पीकर से कहा कि निलंबन का फैसला मेरा था, न कि आपका था। आपने तो स्वीकार किया।
इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री की गुंडागर्दी नहीं चलेगी, के नारे लगाने शुरू कर दिए। हंगामे के बीच 5 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बाद में इसे दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दिया गया। इस तरह आज प्रश्नकाल नहीं हुआ। पटवारी के निलंबन परपूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ये नहीं चाहते कि इनकी बातों का खुलासा हो।
मीडिया को रोका, धरने के बाद जाने दिया
विधानसभा में आज मीडिया पर पाबंदी भी लगा दी गई थी। पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर बाहर ही रोक दिया था। पुलिसकर्मियों का कहना था कि स्पीकर ने आदेश दिया है कि जहां बाइट होती है, उस कक्ष के अलावा कहीं और कवरेज नहीं किया जाएगा। इस पर पत्रकार धरने पर बैठ गए। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आकर धरना खत्म कराया। मिश्रा ने कहा कि स्पीकर को इसकी जानकारी नहीं थी।
