भोपाल
खांसी, जुकाम और हल्के बुख़ार के बढ़ते मामलों के साथ इसके गंभीर रुख को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग में सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि इस बीमारी को गंभीरता से लें और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को दिखाकर ट्रीटमेंट कराएं। यह एडवाइजरी इसलिए जारी की गई है क्योंकि इस सामान्य बीमारी में भी कई मामलों में मरीज को वेंटिलेटर तक ले जाने की नौबत आ रही है। साथ ही इस समय इन बीमारियों से राहत मिलने में 10 से 15 दिन का समय भी लग रहा है। इसके लिए अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं और अन्य उपचार व्यवस्था रखने के लिए भी कहा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव (स्वास्थ्य) को अन्य इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी बीमारियों (ILIs/SARIs) में बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में लिखा है, जो देश के कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में देखी जा रही हैं।
इन सावधानियों पर फोकस करें
-H3N2 वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है और मरीज वेंटिलेटर तक पहुँच रहे हैं।
-हल्की खांसी, ज़ुकाम, गले में खरास, हल्का बुखार,
साँस लेने में दिक़्क़त जैसे लक्षण पर सरकारी अस्पताल जाएं।
-कोई दवा क्यों लिखी, डॉ से पूछें ये आपका अधिकार है।
-ठंडा पानी पीने से बचें।
-कोल्ड ड्रिंक आदि मत पिएं।
-मास्क का इस्तेमाल करें।
-जो वायरस की चपेट में उसकी तकिया का कवर रोज बदलें अथवा धूप में रखें।
-वायरस इफेक्टेड व्यक्ति के पानी का गिलास अलग करें।
-सरकारी अस्पताल के अच्छे डॉ को दिखाएं, नर्सिंग होम और ब्रांड हॉस्पिटल जाने से बचें।
-डॉ से मशविरा कीजिये, अंग्रेजी दवा खुद मत लीजिए।

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