महालेखाकार अब राज्य सरकार से उन पैसों का भी हिसाब लेगा जो शासन के आउट साइड अकाउंट्स में शामिल हैं और सरकार उसके लेखे की जानकारी अब तक नहीं दे रही थी। इसके लिए 18 ऐसे बिंदु तय किये गए हैं जिसमें पाई पाई का हिसाब सामने आ सकेगा। इसमें से अधिकांश का ब्यौरा 2022-23 के बजट में ही बताना होगा जबकि बाकी को 2023-24के बजट से रेगुलर बताना होगा।
महालेखाकार द्वारा मांगी गई जानकारी के अनुसार सरकार को अब यह भी बताना पड़ेगा की शासकीय अकाउंट्स के बाहर उनके कौन से फंड्स हैं। बजट के अंतर्गत आफ बजट लाइबिलिटीज क्या है? सरकार को यह भी बताना पड़ेगा कि अनपेड बिल्स क्या स्थिति है? विभिन्न संस्थाओं को दिए गए अनुदान और सिंचाई तथा विद्युत कंपनियों द्वारा किए जाने वाले कामों के फाइनेंशियल परिणाम के बारे में भी बताना होगा। साथ ही यह भी बताना पड़ेगा कि किस संस्था को कितना ऋण और कितनाएडवांस दिया गया है। पीपीपी मोड पर निवेश की गई राशि की जानकारी भी महालेखाकार को बतानी पड़ेगी। इसके अलावा जो फंड रिजर्व में रखे जाएंगे उसके बारे में भी लिखित में सूचना देना होगी। सरकारी यह भी बताएगी कि वर्ष भर में अपूर्ण कार्यों की स्थिति क्या है उसकी पूरी सूची महालेखाकार को देना होगी।
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