सत्तन ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने मुझे बुलाया है। वे पार्टी के मुखिया हैं, वे आदरणीय हैं। हम उनके आदरणीय हैं। ऐसा खुद उन्होंने कहा है कि आप हमारे आदरणीय हैं। उन्होंने बुलाया है लेकिन आज अन्य जगह जाने से बाद में भोपाल जाऊंगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आत्म विश्लेषण करना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री को अपने कार्यकर्ताओं के साथ व्यवहार करने का अधिकार है और उन्हें उनकी स्थिति, कुशलक्षेम पूछने का भी अधिकार है। उनके प्रश्न का उत्तर देने भोपाल जाऊंगा।
…इसलिए मन क्षुब्ध है
सत्तन ने कहा कि आप लोगों (पार्टी) ने जिस तरह का व्यवहार करके लोगों को सम्मानित करने की बजाय अपमानित करने का काम किया, वह गलत है। वे तुम्हारे सीनियर थे जिन्होंने इससे ‘उत्कृष्ट जागृत प्राप्त वरान्य’ की परिभाषा को सार्थक करते हुए आगे बढ़ाया। उनकी रक्षा करना इनका धर्म है बजाय की उसे दूषित करने के। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है, इसलिए मन क्षुब्ध है। हम नींव के गढ़े हुए पत्थर उसको अभी तक सहन कर रहे हैं, जिसको सुसंस्कृत करने के लिए हम प्रयत्नशील थे।
शुगर कोटेड पॉयजन बनाकर क्यों बोलो?
उन्होंने कहा कि ऐसे में इस पीड़ा को अभिव्यक्त करने का माध्यम शब्द ही हैं और उस शब्द के माध्यम से अभिव्यक्ति होती है। शब्द यदि सत्य है तो सत्य तो सत्य ही है। उसे शुगर कोटेड पॉयजन बनाकर क्यों बोलो? मैं सत्य को सत्य ही रखना चाहता हूं। सत्य अपने आप में सत्य है और वह उन्हीं लोगों को प्रिय होगा जो सत्य की आराधना करते हैं।
ऐसे भड़के शेखावत
उधर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की लामबंदी जारी रखने के क्रम में मीडिया से चर्चा में पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत ने सिंधिया और उनके समर्थकों पर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि सिंधिया समर्थकों के आने से भाजपा की जमीन खोखली हो गई सिद्धांत छूट गए जिसके लिए अलग पार्टी की पहचान थी। उन्होंने कहा कि मंत्री राज्यवर्धन दत्तीगांव जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। खुलेआम जुआ सट्टा चला रहे हैं।शेखावत धार जिले की बदनावर सीट से विधायक रहे हैं, लेकिन अब ये सीट कांग्रेस से भाजपा में आए राज्यमंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के पास है। शेखावत को संकेत मिल गए हैं कि पार्टी इस बार दत्तीगांव को ही उम्मीदवार बनाएगी। इसके चलते उन्होंने कहा है कि मालवा की किसी भी हारी हुई सीट से टिकट दिया जाए।
