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कर्नाटक इफ़ेक्ट : सत्ता विरोधी लहर, करप्शन रोकने और वरिष्ठ नेताओं के सम्मान पर बढ़ेगा BJP का फोकस

भोपाल

कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों ने मध्यप्रदेश में नवम्बर दिसम्बर में होने वाले चुनावों को लेकर केंद्रीय और प्रदेश भाजपा संगठन के लिए कई मुद्दों पर फास्ट एक्शन के संकेत दिए हैं और माना जा रहा है कि एक-एक करके चुनावी फतह के लिए प्लानिंग को अमलीजामा पहना रही भाजपा अब कुछ और मुद्दों के साथ जनता के बीच पहुंचेगी। इसमें सबसे प्रमुख मुद्दा सत्ता विरोधी लहर की काट तलाशने के साथ करप्शन के मामले में सख्त एक्शन और वरिष्ठ नेताओं को सम्मान देकर उन्हें पार्टी के कामों में लगाना होगा। पार्टी के आगामी चार माह के कार्यक्रम अन्य मामलों के साथ इस पर भी फोकस कर तय किए जाएंगे। 

पार्टी सूत्रों के अनुसार कर्नाटक में बीजेपी की हार के पीछे जो आधा दर्जन कारण महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं उनमें कर्नाटक में भ्रष्टाचार पर रोक न लग पाना, जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से समाज और समुदाय के लोगों के साथ संवाद नहीं कर पाना और वोटों के ध्रुवीकरण के साथ सत्ता विरोधी लहर की काट नहीं तलाश पाना बड़े कारण हैं। साथ ही वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी भी यहां भारी पड़ी है। प्रदेश में शिवराज सरकार और बीजेपी संगठन पहले से ही एससी और एसटी वर्ग के लोगों को साधने के लिए काम कर रहा है। सरकार ने दोनों ही वर्गों के युवाओं और लोगों के सामाजिक जीवन में बदलाव लाने के लिए आधा दर्जन नई योजनाएँ शुरू की हैं। पेसा एक्ट लागू करने के साथ संत रविदास के मंदिर निर्माण पर सौ करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए पार्टी लगातार काम कर रही है। इसके साथ ही सभी समाज के लोगों के साथ सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत पूरी पार्टी संवाद में जुट गई है। 

वोट ध्रुवीकरण के ऐसे प्रयास

बीजेपी चुनाव के समय वोटों के ध्रुवीकरण पर भी फोकस करेगी और इसे देखते हुए सरकार द्वारा बनाए जा रहे श्री महाकाल महालोक, श्रीदेवी लोक (सलकनपुर धाम), एकात्म धाम ओंकारेश्वर, वनवासी रामलोक, ओरछा में रामराजा लोक पर काम हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान सत्ता विरोधी लहर से बचाव के लिए लगातार काम कर रहे हैं और लाड़ली बहना योजना समेत, रोजगार देने व कानून व्यवस्था की समीक्षा खुद कर रहे हैं। इसके अलावा अनदेखी से नाराज वरिष्ठ नेताओं को साधने से होने वाले नुकसान को भी पार्टी भांप चुकी है और इसी के चलते वरिष्ठों और रूठे नेताओं को मनाने का दौर शुरू हो गया है और अब पार्टी इस पर और तेजी से काम करेगी। सरकार करप्शन के मामले में भी लगातार कार्यवाही कर रही है और करप्ट अफसरों पर एक्शन लिए जा रहे हैं। 

शिवप्रकाश, जामवाल, मुरली से लेकर हितानंद तक कर रहे मॉनीटरिंग

प्रदेश में भाजपा चुनाव को लेकर छह माह पहले से ही इतनी गंभीर है कि पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी मुरली धर राव के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा दो से तीन दौर की विजिट हर जिलों में कर चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के प्रवास और दौरे भी हो रहे हैं जिसकी मानीटरिंग संगठन कर रहा है। बूथ जीता चुनाव जीता संकल्प को साकार करने के लिए ये सभी नेता जिला मुख्यालय ही नहीं बल्कि मंडल और विधानसभा स्तर पर बूथ कार्यकर्ताओं, बूथ त्रिदेव और शक्ति केंद्र स्तर पर गठित कमेटियों के साथ संवाद कर रहे हैं। इन्हें बूथ में वोटर से संपर्क के साथ केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार और सोशल मीडिया में इसके लिए कैम्पेनिंग तक के गुर सिखाए जा रहे हैं। अब कर्नाटक चुनाव परिणामों के बाद इसमें और सुधार के साथ नए सिरे से प्रवास और बैठकों पर जोर दिया जाएगा। 

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