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अब पांच पंचायतों पर बनेगी बड़ी गौशालाएं, अपर कलेक्टर देखेंगे प्रबंधन-सीएम

भोपाल

 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में हर ग्राम पंचायत में गौशाला के बजाय बड़ी गौशालाएँ विकसित करने पर भी शासन विचार कर रहा है। गौशालाओं के सुचारू प्रबंधन के उद्देश्य से 4 से 5 ग्राम पंचायतों के लिए एक बड़ी गौशाला विकसित की जाएगी। प्राथमिक तौर पर प्रदेश में कुछ स्थानों पर मॉडल के रूप में ऐसी गौशालाएँ विकसित की जाएंगी। इन गौशालाओं की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी कोई संस्था ले सकती है और संस्था को राज्य शासन द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गौशालाओं के साथ जमीनें संलग्न हैं और उन जमीनों पर यदि अतिक्रमण है तो उन्हें तत्काल अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। गौशालाओं को कांजी हाउस का दर्जा देने पर भी विचार भी किया जाएगा। गौवंश की गणना भी की जाएगी। गौशालाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान और उनके बेहतर प्रबंधन के लिए जिला स्तर पर अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अपर कलेक्टर स्तर का एक अधिकारी गौशालाओं के प्रबंधन और समस्याओं के समाधान के लिए अलग से नियुक्त किया जाएगा

8 गौसदन, दो गौवंश वन्य विहार विकसित करेंगे

राजधानी के लाल परेड मैदान में गौरक्षा सम्मेलन के दौरान 406 पशु चिकित्सा एंबुलेंस रवाना करने के बाद सीएम चौहान ने कहा कि गौशालाओं में बनाए जाने वाले प्राकृतिक पेंट का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर के शासकीय भवनों में करने की नीति बनाई जाएगी। इससे गोबर और गौमूत्र के व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश में 8 गौसदन और दो गौवंश वन्य विहार विकसित किए जाएंगे। इनके संचालन का जिम्मा गौसेवक संस्था को सौंपा जाएगा। पंजीकृत गौशालाओं को बिजली के बिल की समस्या न आए और इससे गौमाता की सेवा में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो, इसके लिए उपयुक्त नीति बनाए जाएगी। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, गौ संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरा नंद गिरि की मौजूदगी में सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश में गौवंश की हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया है। गौ हत्या करने वाले को 7 साल और अवैध परिवहन पर कारावास का प्रावधान है। गौवंश के अवैध परिवहन में लिप्त वाहनों को राजसात किया जाएगा। प्राकृतिक खेती के लिए गाय आवश्यक है। गौमूत्र और गोबर से ही घनामृत और जीवामृत बनते हैं। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गाय पालने के लिए 900 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस माह 22 हजार किसानों को योजना की किस्त जारी की जाएगी। जनजातीय भाई-बहनों को गौपालन के लिए गाय खरीदने पर 90 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।

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