भोपाल
प्रदेश में अब राज्य योजना आयोग केंद्र सरकार के नीति आयोग की तर्ज पर काम करेगा। इसके लिए केंद्र की तर्ज पर सेटअप लागू करने की सहमति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दे दी है। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि राज्य नीति आयोग और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के सीईओ एक ही होंगे। अभी इस पद पर अलग-अलग अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों ही संस्थान स्टेट इंस्टीट्यूट आफ ट्रांसफार्मेशन का काम करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने राज्यों से कहा है कि स्टेट अपने यहां ऐसे स्टेट इंस्टीट्यूट आफ ट्रांसफार्मेशन विकसित करें जो रिसर्च डेवलपमेंट और विभागों के समन्वय के साथ राज्य की नीति तय करने का काम करते हैं। चूंकि एमपी में इसके लिए दो अलग-अलग संस्थान राज्य नीति आयोग और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान काम कर रहे हैं, इसलिए सरकार ने तय किया है कि दोनों ही संस्थान के सीईओ एक ही होंगे और दोनों मिलकर स्टेट इंस्टीट्यूट आफ ट्रांसफार्मेशन का काम करेंगे।
नीति आयोग के सदस्य सचिव अब सीईओ कहलाएंगे
राज्य सरकार ने तय किया है कि केंद्र की तर्ज पर राज्य नीति आयोग के सेटअप तैयार करने के साथ पदनाम भी उसी तरह रखे जाएंगे। इसलिए जिस तरह केंद्र सरकार ने नीति आयोग में सीईओ (मुख्य कार्यपालन अधिकारी) पदस्थ किए हैं उसी तरह अब राज्य योजना आयोग का नाम नीति आयोग होने के साथ यहां के सदस्य सचिव का पदनाम सीईओ कर दिया गया है। इसके अलावा बाकी सेटअप भी विकसित किया जा रहा है। यही सीईओ अब अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान के सीईओ का भी काम करेंगे। वर्तमान में योजना आयोग के सदस्य सचिव (अब सीईओ) स्वतंत्र कुमार सिंह हैं। उन्हें अब अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान का सीईओ भी बनाया गया है।
आर्थिक विकास के लिए रिसर्च डेवलपमेंट और समन्वय में आएगी तेजी
राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 तक 550 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए काम करने का टारगेट रखा है। इसी के मद्देनजर इस तरह के बदलावों को मंजूरी दी जा रही है और प्रदेश में विदेशी मुद्रा को बढ़ावा देने के साथ संसाधनों के समुचित उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। सरकार ने तय किया है कि अब सभी क्षेत्रों में सशक्तिकरण के लिए काम करने के लिए पहले रिसर्च रिपोटर््स तैयार कराएंगे, इसके बाद उस पर तेजी से काम करेंगे।
रिसर्च इनपुट से तैयार होंगी विकास योजनाएं
सरकार का मानना है कि विकसित भारत की कल्पना को मूर्तरूप देने में रिसर्चर की महत्वपूर्ण भूमिका है। रिसर्च के इनपुट से प्रदेश और देश के विकास की योजनाएं बनाई जाती हैं। इसलिए प्रदेश में सरकार ने रिसर्च आधारित पॉलिसी और योजनाएं बनाने के साथ रिसर्च के आधार पर ही योजनाओं की मॉनीटरिंग और उनका मूल्यांकन करने का काम शुरू किया है। इसी के चलते मध्यप्रदेश में किए जा रहे कार्यों का प्रेजेंटेशन सिविल सर्विस-डे पर विज्ञान भवन नई दिल्ली में एमपी के सीईओ स्वतंत्र कुमार सिंह ने किया था जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा था।
इनका कहना.....
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य योजना आयोग का नाम बदलकर राज्य नीति आयोग करने को मंजूरी दी है। इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान को इसके साथ जोड़कर स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ ट्रांसफार्मेशन के तौर पर काम करने के लिए कहा है। अब यहां सदस्यसचिव के बजाय सीईओ पदनाम प्रमुख होगा।
-स्वतंत्र कुमार सिंह, सीईओ, राज्य नीति आयोग
