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बंद रहा सतपुड़ा, अब चार अलग-अलग भवनों से चलेगा हेल्थ डायरेक्ट्रेट, 4 माह के पहले यहाँ नहीं चल पाएंगे दफ़्तर

 भोपाल

आग लगने के कारण खाक हुए फर्नीचर और फाइलों की जांच के बीच सतपुड़ा भवन में लगने वाले दफ्तर बुधवार को भी बंद रहे। अब गुरुवार को दफ्तर शुरू करने के मामले में शाम तक फैसला लिए जाने की उम्मीद है। उधर आग लगने के कारण सबसे अधिक नुकसान की स्थिति में आए स्वास्थ्य संचालनालय ने अपने विभाग की अलग-अलग शाखाओं को चार अलग-अलग भवनों में संचालित करने का फैसला किया है। दूसरी ओर बुधवार को भी जांच टीम द्वारा भवन का निरीक्षण और बयान लेने की कार्यवाही की जा रही है। 

मंत्रालय के समीप इस स्थित भवन में लगने वाले दफ्तरों में सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज जलने के बाद अब कम्प्यूटर के जरिये डेटा रिकवर करने और नई फाइलें बनाने के लिए भी विभाग प्रमुखों ने टीमों का गठन कर दिया है। इस बीच स्वास्थ्य संचालनालय के कोरोना टेंडर, लोकायुक्त छापे समेत अन्य रिकार्ड खाक होने के बाद शासकीय कामकाज के लिए जो व्यवस्था तय की गई है, उसके अनुसार सीएमएचओ कार्यालय के नवीन भवन में अब संचालक स्वास्थ्य और उनका स्टाफ, अविज्ञप्त शाखा, परिवार कल्याण/निवेश शाखा, कार्यालय स्थापना, सामान्य शाखा, नर्सिंग, लोक सेवा गारंटी, जनस्वास्थ्य, शिकायत, लीगल सेल, विधानसभा समन्वय, जन शिकायत, आईडीएसपी, आयोग, भंडार, आरटीआई, परिवहन शाखा के अधिकारी, कर्मचारी बैठेंगे। सतपुड़ा भवन के द्वितीय तल में डिस्पेंसरी संचालित होगी। अरेरा हिल्स स्थित हेल्थ कारपोरेशन भवन में आईटी, अस्पताल प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी बैठेंगे। इसके अलावा एनएचएम भवन में वित्त/भुगतान, भवन, प्रशिक्षण, एमआरपीएनडीटी/विनियमन, मलेरिया नियंत्रण, विकास, रक्ताधान परिषद, लैब, ब्लड सर्विसेस से संबंधित शाखाओं के अधिकारियों, कर्मचारियों के दफ्तर लगेंगे। इसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था में आदिम जाति कल्याण विभाग के अफसर भी जुटे हैं।

तीन माह के पूर्व खाक हुए फ्लोर पर शुरू नहीं होंगे दफ्तर

प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से पूरी बिल्डिंग में फर्नीचर, कम्प्यूटर और अन्य मटेरियल खाक हुए हैं, उसके बाद आगजनी प्रभावित फ्लोर पर दफ्तर संचालित होने में कम से कम तीन से चार माह तक का समय लगना तय है। यहां दीवारों के रंगरोगन, फ्लोर सेटिंग, कम्प्यूटर सेटिंग, चेंबर निर्माण समेत अन्य कार्यालय व्यवस्था करने में लंबा समय लगेगा। ऐसे में यहां लगने वाले दफ्तरों को शिफ्ट रखना सरकार की मजबूरी है। इसी के चलते अधिकारियों को वैकल्पिक भवनों में दफ्तर संचालन के लिए निर्देशित किया जा रहा है। 

भवन की दीवारों की जांच भी जरूरी

लोक निर्माण विभाग के अफसरों के अनुसार 16 घंटे तक आग के साये में रहे फ्लोर क्रमांक तीन से छह के कमरों की दीवारों और यहां लगे पिलर्स की मजबूती की जांच भी दफ्तर शुरू होने के पहले जरूरी है। इसलिए यहां फोरेंसिक जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण एजेंसियों से भी जांच की मांग की जा रही है कि आग की गर्मी भवन के पिलर्स को तो नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि अभी सरकार की ओर से इसको लेकर कोई बात स्पष्ट नहीं की गई है। 

कमलनाथ, दिग्विजय ने लगवाई होगी आग, इसकी जांच हो

उधर प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का न्यूज चैनल को दिया गया एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा है कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार एसी में विस्फोट के कारण आग लगी है और इसकी जांच के निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए हैं। यह पूछने पर कि पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय का आरोप है कि आग सरकार ने लगवाई है, मंत्री परमार ने पलटवार करते हुए कहा कि यह आग कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने ही लगवाई होगी, इसकी भी जांच की जानी चाहिए। 

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