कोलंबो। श्रीलंका में संसदीय चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की वापसी तय हो गई है। विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) बहुमत के करीब है और अन्य के समर्थन से सरकार बनाने की स्थिति में है। प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की राजनीतिक वापसी का सपना टूट गया। उन्होंने चुनाव में हार स्वीकार ली है। मंगलवार को आए चुनाव परिणाम में यूएनपी को 22 निर्वाचन जिलों में से 11 में जीत मिली है। जबकि राजपक्षे के यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलायंस (यूपीएफए) को आठ जिलों में जीत मिली। उत्तर के तीन तमिल जिलों पर तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) ने कब्जा जमाया। 196 सीटों के लिए हुए चुनाव में विक्रमसिंघे की यूएनपी को 93 सीटें मिली हैं जबकि राजपक्षे के यूपीएफए को 83 सीटें मिली हैं। जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की। 225 सदस्यों वाली संसद में 29 सीटों के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व द्वारा आवंटन किए जाते हैं। यूएनपी सूत्रों के मुताबिक, उसे 107 सीटें मिलने की उम्मीद है। जबकि पूर्ण बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत है। यूएनपी को 45.7 फीसद मत मिले जबकि यूपीएफए को 42.4 फीसद।
66 वर्षीय विक्रमसिंघे को एक सादे समारोह में राष्ट्रपति सचिवालय में प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। जबकि राष्ट्रीय सरकार के मंत्रिमंडल का गठन बाद में किया जाएगा। चुनाव के नतीजे आने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि यह जीत अच्छा शासन के लिए मिला जनादेश है। उन्होंने कहा कि अपने मिशन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मैं सभी को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना के समर्थकों के विक्रमसिंघे सरकार में शामिल होने की संभावना है। हार के बाद राजपक्षे ने कहा कि कड़े मुकाबले के बाद हार स्वीकार करता हूं। विपक्ष की भूमिका में सरकार की सही नीतियों का समर्थन और गलत नीतियों का विरोध करूंगा।
सिरिसेना की जीत
चुनाव नतीजे को राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना की जीत के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने प्रण किया था कि यूपीएफए को बहुमत मिलने के बाद भी राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनने नहीं देंगे। श्रीलंका में सुधारों को लागू करने उद्देश्य से मजबूत बहुमत के लिए सिरिसेना ने समय से पूर्व चुनाव कराए।
66 वर्षीय विक्रमसिंघे को एक सादे समारोह में राष्ट्रपति सचिवालय में प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। जबकि राष्ट्रीय सरकार के मंत्रिमंडल का गठन बाद में किया जाएगा। चुनाव के नतीजे आने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि यह जीत अच्छा शासन के लिए मिला जनादेश है। उन्होंने कहा कि अपने मिशन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मैं सभी को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना के समर्थकों के विक्रमसिंघे सरकार में शामिल होने की संभावना है। हार के बाद राजपक्षे ने कहा कि कड़े मुकाबले के बाद हार स्वीकार करता हूं। विपक्ष की भूमिका में सरकार की सही नीतियों का समर्थन और गलत नीतियों का विरोध करूंगा।
सिरिसेना की जीत
चुनाव नतीजे को राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेना की जीत के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने प्रण किया था कि यूपीएफए को बहुमत मिलने के बाद भी राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनने नहीं देंगे। श्रीलंका में सुधारों को लागू करने उद्देश्य से मजबूत बहुमत के लिए सिरिसेना ने समय से पूर्व चुनाव कराए।
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