लखनऊ। मुलायम सिंह से पंगा लेकर निलंबन झेल रहे उत्तर प्रदेश के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने फेसबुक पर लिखा- 'नौकरी की तमाम सीमाओं को अच्छी तरह जानने और यह समझ लेने के बाद कि वास्तविक सत्ता राजनेताओं के पास है औए इनमे एक अच्छी संख्या में ठग बैठे हुए है, कई बार मुझे लगता है कि समाज में बेहतर और वृहत्तर असर डाल सकने और वर्तमान में बेहतर राजनीती के जो प्रयास चल रहे हैं, उनमें अपना योगदान कर सकने के लिए मुझे भी सीधे राजनीती में आना चाहिए, कृपया अपनी ईमानदार प्रतिक्रिया दें?' उनके द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में पूछे इन प्रश्नों पर अब तक हजारों लाइक्स और पांच सौ से अधिक कमेंट आ चुके हैं। अंग्रेजी में उनके प्रश्न पर 374 लाइक्स और 116 लोगों की टिप्पणीयां आ चुकी हैं तथा 5 लोगों ने उसे शेयर किया है जबकि हिंदी में उनके प्रश्न पर 1260 लाइक्स तथा 557 लोगों की टिप्पणियां आई हैं और 48 लोगों द्वारा शेयर किया गया है।
कमेंट करने वालों ने हर तरह की टिप्पणी की है। करीब साठ प्रतिशत लोगों ने उनकी बात से सहमत होते हुए उन्हें राजनीति में आ कर देश के लिए बेहतर काम करने का आग्रह किया और यह माना कि अच्छे लोगों को राजनीति में आना चाहिए तभी देश की राजनीति बेहतर हो सकती है। इनमें कुछ लोगों ने उन्हें अरविन्द केजरीवाल की पार्टी में शामिल होने का सुझाव दिया तो कईयों ने कहा कि राजनीति में आये तो केजरीवाल की तरह लोगों का भरोसा न तोड़े. करीब तीन प्रतिशत लोगों ने राजनीति को दलदल बताते हुए उन्हें इससे पूरी तरह दूर रहने को कहा और आईपीएस के रूप में ही अपना काम करने को कहा। इससे अलग करीब दस प्रतिशत लोगों ने ठाकुर पर अब तक नौटंकी करने और इसी के जरिये राजनीति में घुसने की चाहत रखने का भी आरोप लगाया। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अभी तक इस विषय पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है यद्यपि वे समाज में योगदान के लिए राजनीति में आ भी सकते हैं।
कमेंट करने वालों ने हर तरह की टिप्पणी की है। करीब साठ प्रतिशत लोगों ने उनकी बात से सहमत होते हुए उन्हें राजनीति में आ कर देश के लिए बेहतर काम करने का आग्रह किया और यह माना कि अच्छे लोगों को राजनीति में आना चाहिए तभी देश की राजनीति बेहतर हो सकती है। इनमें कुछ लोगों ने उन्हें अरविन्द केजरीवाल की पार्टी में शामिल होने का सुझाव दिया तो कईयों ने कहा कि राजनीति में आये तो केजरीवाल की तरह लोगों का भरोसा न तोड़े. करीब तीन प्रतिशत लोगों ने राजनीति को दलदल बताते हुए उन्हें इससे पूरी तरह दूर रहने को कहा और आईपीएस के रूप में ही अपना काम करने को कहा। इससे अलग करीब दस प्रतिशत लोगों ने ठाकुर पर अब तक नौटंकी करने और इसी के जरिये राजनीति में घुसने की चाहत रखने का भी आरोप लगाया। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अभी तक इस विषय पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है यद्यपि वे समाज में योगदान के लिए राजनीति में आ भी सकते हैं।
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