भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के दस दिनों के भीतर गठित किए गए भूमि सुधार आयोग को अपनी रिपोर्ट हर तीन माह में राज्य शासन को देनी होगी। शासन ने आयोग द्वारा किए जाने वाले कामों की रूपरेखा भी तैयार कर ली है। जैसे ही आयोग का कार्यकाल शुरू होगा, उसके लिए एक सेटअप और अन्य सुविधाएं शासन प्रदान करेगा।
सीएम चौहान ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान इस आयोग के गठन की घोषणा की थी। इसके बाद इसके गठन की तैयारियों को लेकर वे दो बैठकें भी ले चुके हैं। इस बीच प्रमुख सचिव राजस्व केके सिंह ने राज्य भूमि सुधार आयोग का गठन कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी और निजी भूमि के प्रबंधन से संबंधित सभी बिन्दुओं की समीक्षा कर आयोग राज्य शासन को अनुशंसा करेगा। आयोग को सचिवालय स्तर की सुविधाएं राजस्व विभाग प्रदान करेगा।
आयोग का सेटअप कैसा होगा तय नहीं
शासन द्वारा आयोग का गठन तो कर दिया गया है पर अभी तक उसके सेटअप के बारे में स्पष्ट रणनीति सामने नहीं आई है। प्रमुख सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि आयोग के सेटअप के संबंध में अलग से आदेश जारी किया जाएगा।
इन बिन्दुओं पर काम करेगा आयोग
-भूमि के प्रभावी प्रबंधन के लिए आवश्यक विधिक संशोधन।
-राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ बनाने के उपाय।
-भूमिस्वामियों, पट्टेदारों, अन्य भूमिधारकों और प्रशासन के बीच संव्यवहार को सरल और नागरिकोन्मुखी बनाने का उपाय।
-राजस्व सेवाओं को प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचाने के उपाय।
-अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के भूमि स्वामियों, लघु एवं सीमांत के हित संरक्षण के उपाय।
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