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बहुओं को सरकार से अनुमति से मिलता है परिवार का साथ


सागर. बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि मध्य प्रदेश के सागर शहर में कुछ बहुओं को सरकार से अनुमति
लेकर अपने परिवार के साथ रहने मिलता है। दरअसल ! ये महिलाएं पड़ोसी देश पाकिस्तान से आई हैं। लेकिन इन्हें अब तक भारत सरकार ने नागरिकता नहीं दी है। इन्हें हर साल अपना वीजा साल दर साल आगे बढ़वाना पड़ता है। इन्हीं में से एक महिला रेहाना बेगम ने अपना वीजा अागे बढ़वाने के लिए जिला पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन दिया है। एसपी ऑफिस में हुई मुलाकात में रेहाना के पति वहीद भाई का कहना है कि हम लोग हर साल समय से वीजा बढ़वा लेेते हैं। थोड़ी-बहुत भागदौड़ करना पड़ती है लेकिन मेरी पत्नी को हमारे साथ रहने की अनुमति मिल जाती है। वहीद के अनुसार रेहाना की नागरिकता भले ही पाकिस्तान की है। लेकिन अब वे बुंदेली माटी में रच-बस गई हैं।
 
वहीद भाई के मुताबिक हम लोग हर साल रेहाना बेगम के लिए भारत की स्थाई नागरिकता दिलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ होता नहीं है। फिर भी हमें उम्मीद है कि देश की सरकार इस बारे में जरूर ध्यान देगी। पत्नी को स्थाई नागरिकता मिलेगी। शहर में रेहाना बेगम के अलावा चार और महिलाएं हैं। जो पाकिस्तान से बहु के रूप में आईं हैं। उनके नाम अस्मां पति इकराम, साबिरा बेगम पति शकील एवं जाहिदा पति रफीक हैं। एक अन्य महिला जानकी पिता जेठामल सिंधी हैं। जानकीबाई की मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं, वे अविवाहित हैं। छोटे भाई रामचंद्र के साथ ही रहती हैं।
 
सन 87 में कराची से ब्याह कर लाए थे
शहर के एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में रहने वाले वहीद भाई का कहना है कि देश का बंटवारा हुए भले ही तकरीबन 70 साल होने को हैं। लेकिन अब भी हम में से कई परिवारों की जड़ें पाकिस्तान में हैं। रिश्तेदारियां हैं। और ये शायद हमारी पीढ़ी रहने तक तो रहेंगी ही। अपनी शादी के बारे में वहीद ने बताया कि मेरे कुछ रिश्तेदार पहले से पाकिस्तान में रहते हैं। उन्होंने ही मेरा रिश्ता कराची के एक परिवार से कराया था। ये शादी सन 1987 में हुई थी। तब से लेकर दो एक बार ही पाकिस्तान जाने का मौका मिला है। कभी-कभार पत्नी की इच्छा होती है अपने घर जाने की। लेकिन दोनों देश के बीच वीसा पॉलिसी के कारण आने वाली अड़चन के कारण जाना संभव नहीं हो पाता।
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