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ये हिन्दी का महाकुंभ -नरेन्द्र मोदी


भोपाल.
विश्व हिन्दी सम्मेलन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में होने वाला यह आयोजन सिंहस्थ के पहले हुआ हिन्दी का महाकुंभ है। अगले साल यहां सिंहस्थ का महाकुंभ होगा। इस बार के अधिवेशन में हिन्दी भाषा पर बल देने का प्रयास किए जाएंगे। भाषा लुप्त होने के बाद कितना बडा संकट पैदा होता है इसका अंदाजा हमें नहीं है। हमें पता तक नहीं चला कि हम अपनी महान विरासत से धीरे-धीरे कैसे दूर होते गए हैं। इसे सुरक्षिता रखना हमारी जिम्मेदारी है। जैसे सभी अन्य लुप्त होती जीवित वस्तुओं को बचाना जरूरी है वैसी ही स्थिति भाषा की है।

चाय बेचते बेचते सीख गया हिन्दी

पीएम मोदी ने कहा कि मेरी मातृभाषा गुजराती है पर मुझे लगता है कि हिन्दी नहीं आती तो मेरा क्या होता? उन्होंने कहा कि हिन्दी को बढ़ावा उन लोगों ने दिया जिन्होंने दूसरी भाषा में बोलना लिखना सीखा है। चाय बेचते बेचते मुझे गुजराती से हिन्दी सीखने का मौका मिल गया। जबू मैं छोटा था तो रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता था। मालगाडी से यूपी वाले गाय भैंस लाते थे, मैं उन्हें चाय बेचने जाता और बात करते हिन्दी सीख गया। मुझे चाय बेचना था, उन्हें पीना था। दोनों को एक दूसरे को समझने का मौका मिला। फिल्म जगत ने विदेशों में हिन्दी को पहुंचाने का काम किया।

जिस पीढ़ी से गुजरती उसमें समाहित होती है भाषा
पीएम ने कहा कि भाषा मे उसी तरह की चेतना  होती है जैसे जीवित लोगों में होती है। भाषा में वह ताकत है कि जिस पीढ़ी, वातावरण से गुजरती है वह उसमें समाहित होती जाती है। इसीलिए भाषा चैतन्य होती है। भाषा की अपनी एक ताकत होती है। हिन्दी भाषा सूत्रधार का काम कैसे करे, इस पर काम करने की जरूरत है।

भाषा को लुप्त होने से बचाना जरूरी
 21वीं का अंत होने तक 6000 भाषाओं में से 90 प्रतिशत भाषाएं लुप्त हो सकती हैं। विश्व की इन भाषाओं को बनाए रखने के लिए काम करते रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास भारत का ही नहीं विदेश का भी नारा बन रहा है। टेक्नालाजी चीजों को लुप्त करती है हम अपना टेलीफोन नम्बर भूल रहे हैं। इससे संभलने की भी जरूरत है।

तीन भाषाओं का दबदबा

पीएम ने कहा कि डिजिटल वर्ल्ड में तीन भाषाओं का दबदबा रहने वाला है। ये भाषाएं अंग्रेजी, चाइनीज और हिन्दी हैं। ऐसा जानकार कह रहे हैं।भाषा बहुत बडा बाजार बनने वाली है। इसका अधिकतम उपयोग हो। भाषा की भक्ति हर किसी को आनी चाहिए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत देश विदेश से आए प्रतिनिधि इस दौरान मौजदू रहे।
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