इंदौर. जिला कोर्ट ने आसाराम के पुत्र और सूरत की जेल में बंद
नारायण साईं के खिलाफ उसकी पत्नी की
फरियाद पर घरेलू हिंसा का केस दर्ज
किया। साथ ही, नोटिस जारी कर 20 नवंबर को हाजिर होने के आदेश दिए। नारायण
साईं की पत्नी जानकी पति नारायण हरपलानी (37) ने प्रकरण दायर कराया। इसमें
आरोप लगाया कि उसका विवाह नारायण पिता आसाराम हरपलानी से 22 मई 1997 को हुआ
था। इसके बाद वह सास लक्ष्मी के साथ अहमदाबाद के महिला आश्रम में रहकर
उनकी देखभाल करती थी। शादी के पंडाल में आसाराम ने घोषणा की थी कि उनका
बेटा (नारायण) पांच साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करेगा। लेकिन उसके बाद भी वो
लड़कियों के साथ घूमता रहा। नारायण साईं को कलंक बताते हुए जानकी ने कहा
की दरअसल आसाराम लोगों को प्रभावित करना चाहते थे कि इतनी सुंदर पत्नी होने
के बाद भी नारायण ब्रह्मचर्य का पालन करेगा।
उन्होंने यह भी बताया की शादी के बाद नारायण आश्रम की साधिकाओं के साथ
सत्संग के नाम पर विभिन्न स्थानों पर घूमता रहता था। अक्सर लड़कियों के
साथ विदेश जाता था। 2006 में नारायण का जन्मदिन वृंदावन में मना था तो उसके
साथ कई लड़कियां भी गई थीं। उसी दिन रात तीन बजे उसने जमना नामक साधिका को
नारायण के कमरे के दरवाजे पर खड़े देखा था।
जब पूछा कि यहां क्यों खड़ी हो तो उसने कहा उसकी तबीयत खराब हो रही
है, मंत्र व दवा लेने आई हूं। नारायण के खराब चरित्र का वह विरोध करती तो
वह उसे मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना देता था। वो संत के नाम पर कलंक है। जानकी
ने कोर्ट से मांग की कि उसे पति से 50 हजार रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता
दिलाया जाए। अधिवक्ता रोहित यादव के मुताबिक कोर्ट ने नारायण के खिलाफ
घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
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