भोपाल। सिंहस्थ से पहले आप सभी का हिंदी के इस महाकुंभ में
स्वागत है। आप सभी को जानकर हैरानी होगी कि मैंने चाय बेचते-बेचते हिंदी
सीखी है। मुझे चाय ने हिंदी बोलना सिखाया है और हिंदी की ताकत का अंदाजा है
मुझे। ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में आयोजित 10वें
विश्व हिंदी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान कही।
विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन करने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी भोपाल पहुंचे थे। प्रधानमंत्री का सुबह 9.45 बजे स्टेट हैंगर पर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और राज्यपाल रामनरेश यादव ने स्वागत किया। इसके
बाद उन्होंने एयरपोर्ट पर ही आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को
संबोधित किया। सुबह 10.30 बजे वे लाल परेड ग्राउंड पहुंचे, जहां विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री का
स्वागत किया।
मेहमान जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है: सीएम
लाल परेड ग्राउंड पर मुख्यमंत्री ने स्वागत भाषण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं केवल शब्दों नहीं भाव से स्वागत करता हूं। मध्य प्रदेश कवियों, साहित्यकारों की भूमि है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि हमने उनके नाम पर हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की है, जहां विज्ञान और वाणिज्य जैसे विषय हिंदी में पढ़ाए जाते हैं। सीएम ने कहा कि आप सभी विद्वान इन तीन दिनों में हिंदी को लेकर जो भी निर्णय लेंगे मैं मप्र लागू करवाऊंगा। क्योंकि, मेहमान जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है।
लाल परेड ग्राउंड पर मुख्यमंत्री ने स्वागत भाषण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं केवल शब्दों नहीं भाव से स्वागत करता हूं। मध्य प्रदेश कवियों, साहित्यकारों की भूमि है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि हमने उनके नाम पर हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की है, जहां विज्ञान और वाणिज्य जैसे विषय हिंदी में पढ़ाए जाते हैं। सीएम ने कहा कि आप सभी विद्वान इन तीन दिनों में हिंदी को लेकर जो भी निर्णय लेंगे मैं मप्र लागू करवाऊंगा। क्योंकि, मेहमान जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है।
विश्व हिंदी सम्मेलन में बोले पीएम मोदी-
- हिन्दी को समृद्ध बनाने के लिए हमें दूसरी भाषाओं और बोलियों के अच्छे शब्दों को लेकर उन्हें जोड़ना चाहिए।
- हिन्दी को बचाने के लिए इसके विकास की तरफ ध्यान देना होगा।
- दुनिया में छह हजार भाषाएं हैं लेकिन इक्कीसवीं सदी आते-आते इनमें से 90 फीसदी भाषाएं विलुप्त होने की स्थिति है।
- आज हम किसी विलुप्त पक्षी या पशु या अन्य चीजों के संरक्षण के लिए खर्च की सीमा नहीं देखते और कहीं ऐसा न हो कि आने वाली पीढ़ियों को हिन्दी के लिए भी ऐसा ही कुछ करना पड़े।
- हिन्दी भाषा की ताकत से ही मैं लोगों तक अपनी बात को पहुंचा सका हूं।
- मैंने कभी सीखना नहीं छोड़ा, यूपी से आने वालों से भी मैंने हिंदी सीखी।
- फिल्मों में हिंदी को दुनियाभर में पहुंचाने का काम किया।
- अपनी भाषा को बचाने के लिए दूसरी भाषाओं के साथ वर्कशॉप होना जरूरी है।
- रूस में हिंदी पर बहुत काम हो रहा है।
- हिंदी की आज दुनिया भर में पहचान ।
- आने वाले दिनों में डिजिटल वर्ल्ड में तीन भाषाओं का दबदबा रहने वाला है- अंग्रेजी, हिंदी और चाइनीज।
- भाषा को समृद्ध बनाने के लिए काम होना चाहिए।
सम्मेलन में शामिल हुए हैं ये दिग्गज नेता-
इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, मॉरीशस की शिक्षा मंत्री लीला देवी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए।
इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, मॉरीशस की शिक्षा मंत्री लीला देवी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए।
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