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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विरुद्ध क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया केस, BJP ने कई जिलों में की थी शिकायत

भोपाल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ क्राइम ब्रांच थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। उनके विरुद्ध भाजपा नेताओं ने आज शिकायत कर केस दर्ज करने की मांग की थी। भारतीय जनता पार्टी ने यह शिकायत भोपाल, ग्वालियर, धार, इंदौर,सतना, रीवा सहित कई जिलों में पुलिस थानों में शिकायत कर की थी। उधर कांग्रेस इस मामले को कोर्ट ने चुनौती देगी। 
भोपाल में जिला इकाई द्वारा एमपी नगर स्थित क्राइम ब्रांच में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ़ मामला दर्ज करने का शिकायती पत्र प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा। प्रतिनिधि मंडल ने शिकायती पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, पुलिसकर्मी, प्रशासन एवं सामाजिक संगठन इत्यादि कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट होकर व्यवस्थाओं में एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं जिससे देश के नागरिकों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें लेकिन अनेकों देशद्रोही शक्तियां एवं कांग्रेस महामारी की आड़ में देश को बदनाम करने को षंडयंत्र कर रही हैं, जिसमें कमलनाथ भी उन शक्तियों का सहयोग ही रहे हैं।
जनता को भ्रमित और देश को बदनाम कर रहे

प्रतिनिधि मंडल ने शिकायती ज्ञापन में कहा कि कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने 22 मई शनिवार को अपनी प्रेस-कांफ्रेन्स में कहा कि ‘दुनिया में जो कोरोना फैला हुआ है, अब उसे ‘इंडियन वैरिएंट कोरोना’ के नाम से जाना जा रहा है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि कई देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कोरोना को इंडियन वैरिएंट के नाम से पुकार रहे हैं। ऐसे समय में कमलनाथ यह बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे और देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम कर रहे है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन किया है। कमलनाथ का यह कृत्य भारतीय दंड विधान के अनुसार राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है।
 
 कानून और शांति व्यवस्था को भंग करने का आरोप

प्रतिनिधि मंडल ने अपने ज्ञापन में कहा कि कमलनाथ ने झूठा आरोप लगाया  कि ‘सरकार लाखों लोगों की मौत का आंकड़ा छिपा रही है।’ उनका यह बयान जनता में भय उत्पन्न करने वाला है जो कि आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। एक अन्य शिकायत में प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में डीएपी के भाव कम करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया लेकिन देश के लोगों एवं किसानों तक यह संदेश न पहुंचे। इस उद्देश्य से कमलनाथ द्वारा अपने विधायकों के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में ‘आग लगाने’ की बात कहकर कानून और शांति व्यवस्था को भंग करने का भी दुष्कृत्य किया है। प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस अधीक्षक को पूर्व मुख्यमंत्री के प्रेस-कांफ्रेंस एवं वर्चुअल मीटिंग की वीडियो की पेनड्राइव सौंपते हुए कमलनाथ के विरूद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 124-ए, 124-2 धारा 1537ए, धारा-188, सायबर क्राईम की धारा 65-बी के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा, सीमा सिंह, जिला अध्यक्ष सुमीत पचौरी, विधायक कृष्णा गौर, प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेंद्र शर्मा, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक संतोष शर्मा शामिल थे।

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ पर FIR का मामले में सरकार के खिलाफ कांग्रेस कोर्ट जाएगी।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने बयान में कहा कि अकेले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नहीं देश के 21 मीडिया हाउस ने कोरोना के इंडियन वैरिएंट शब्द का इस्तेमाल किया है।
BJP सरकार में हिम्मत है तो मीडिया हाउसों पर कार्रवाई करे। कोर्ट में कोरोना के इंडियन वैरिएंट की मीडिया रिपोर्ट्स रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि MP पुलिस भाजपा सरकार, संगठन की सेवा में मुस्तैद है।

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