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1 नवम्बर से आदिवासियों के घर राशन पहुंचाएगी सरकार, पेसा एक्ट चरणबद्ध होगा लागू-शिवराज

भोपाल
जबलपुर में राजा शंकर शाह रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर जनजातीय कल्याण की घोषणाएं करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 1 नवंबर से जनजातीय बाहुल्य विकासखंडों में घर- घर किया राशन वितरण किया जाएगा। पेसा एक्ट चरणबद्ध तरीके से मध्यप्रदेश की धरती पर लागू किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा करने वालों के पंजीयन शुल्क में वृद्धि की गई है। यदि तय नियमों से जो ज्यादा ब्याज लेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस ने जनजातीय बन्धुओं के कल्याण का केवल नाटक किया। हमने निर्णय लिया है कि सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार जनजातीय बन्धुओं को दिए जाएंगे। तेंदूपत्ता बेचने का काम भी वन समिति करेंगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुए बलिदान दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 89 जनजातीय बाहुल्य विकासखण्डों में अब किसी भी जनजाति भाई-बहिन को राशन लेने के लिए दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे। उनके अधिकार का राशन सरकार उनके घर तक भिजवायेगी। इसके लिए हम गाँव-गाँव तक राशन पहुँचाने की एक नई योजना प्रारंभ करने जा रहे हैं। इसका लाभ हमारे जनजातीय विकासखण्डों के 7 हजार 500 से अधिक गाँव में रहने वाले 23 लाख 80 हजार परिवारों को मिलेगा। इन परिवारों तक राशन की सामग्री 489 वाहनों से पहुँचाई जायेगी। एक वाहन से हम एक माह में अधिकतम 20 गाँव में राशन वितरण की व्यवस्था कर रहे हैं। हमारे जनजातीय युवाओं को गाँव में ही रोजगार प्रदान करने के लिए राशन के वाहन सरकार उन्हीं से किराए पर लेगी। इन वाहनों को खरीदने के लिए युवाओं को बैंक से लोन उपलब्ध कराया जायेगा। हर राशन वाहन के लिए एक माह का रुपए 26 हजार किराया हमारे वाहन मालिक युवाओं को मिलेगा जिससे वे अपनी आजीविका भी चला सकेंगे।

पेसा कानून के मुताबिक जंगल प्रबन्धन

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा की पेसा कानून की भावना के अनुरूप जंगल का प्रबंधन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा एक्ट ग्राम सभा को सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार देती है। वन भी सामुदायिक संसाधन है। इस कारण पेसा एक्ट वनों की सुरक्षा और संरक्षण का भी अधिकार ग्राम सभा को देता है। इसे अमलीजामा पहनाने के लिये हम सामुदायिक वन प्रबन्धन समितियों के गठन की जिम्मेदारी ग्राम सभा को देने जा रहे हैं। अब सामुदायिक वन प्रबंधन समितियां वर्किंग प्लान के अनुसार हर साल का माइक्रो प्लान बनाएंगी और उसे ग्राम सभा से अनुमोदित कराएंगी।
समितियां ही उस प्लान को क्रियान्वित करेंगी। वन विभाग का अमला समितियों को इस काम में मदद करेगा। आवश्यक वित्तीय संसाधन सरकार उपलब्ध कराएगी। वन प्रबंधन के अधिकारों के साथ-साथ हमने तय किया है कि हम 'ग्राम स्वराज' का सर्वोत्तम उदाहरण पेश करें। पंचायती राज व्यवस्था की पाँचवी अनुसूची के क्रियान्वयन में समस्याएं थीं, उनका निराकरण करने की हमने ठान ली है। वनों के प्रबंधन के दौरान जो बांस-बल्ली निकलेगी उसेका अंश समिति को जाएगा।

जनजातीय शिक्षा में क्रान्ति लायेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा देश को नई शिक्षा नीति का तोहफा दिया गया है। जनजातीय बच्चों और युवाओं को इस नीति का लाभ दिलाने में सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। आठवीं और नौंवी से ही मेरे भांजा-भांजी को NEET, JEE के फाउंडेशन को सुधारने, स्मार्ट क्लास की ऑनलाइन व्यवस्था की जायेगी। अधिक से अधिक बेटा-बेटी विज्ञान, तकनीकी और चिकित्सा में अपना भविष्य बनायें, इसके लिए हम अपने पाठ्यक्रम को भी आज की आवश्यकताओं के अनुरूप बनायेंगे। साथ ही 1 साल के अंदर बैकलॉग के जो पद रिक्त हैं उन्हें पूरा करने का काम करेंगे।
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