भोपाल
प्रदेश में अगस्त माह के पहले सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के आठ जिलों और भोपाल संभाग के विदिशा में आई बाढ़ से हुए 2043 करोड़ रुपए के नुकसान से सरकार उबर नहीं पाई है और अब 15 जिलों में 59 फीसदी तक कम हुई बारिश ने चिंता बढ़ा दी है। चार साल बाद आए सूखे के हालातों की वास्तविक रिपोर्ट के लिए हालांकि सरकार तीस सितम्बर तक इंतजार करेगी लेकिन बारिश का दौर देखते हुए इसमें राहत मिलने की उम्मीद कम ही दिखाई देती है।
केंद्र सरकार को प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों और कम बारिश से बने सूखे के हालातों की ताजा रिपोर्ट राज्य सरकार ने मेमोरंडम 2021 के जरिये भेज दी है। केंद्रीय अध्ययन दल के दौरे के बाद भेजी गई इस रिपोर्ट में बाढ़ प्रभावित जिलों में सड़कों और अधोसंरचनाओं में 1573.76 करोड़ का नुकसान आंकलित किया गया है। इसके बदले सरकार अब तक 267.93 करोड़ रुपए अपने स्तर पर प्रभावितों को मदद के लिए दे चुकी है। इस रिपोर्ट में प्रदेश में 26 अगस्त तक की स्थिति में रेनफाल की जानकारी भी केंद्र सरकार को भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि 19 प्रतिशत कम या अधिक बारिश वाले जिलों की संख्या 19 है जबकि 20 से 59 प्रतिशत कम बारिश वाले 15 जिले हैं। इसके बाद यह साफ हो गया है कि 9 जिले जहां बाढ़ से करोड़ों का नुकसान झेल रहे हैं वहीं 15 जिलों में अगले पच्चीस दिनों में सामान्य बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ तो गंभीर सूखे के हालात बनेंगे।
इन जिलों में 59 फीसदी से कम बारिश
जिन जिलों में 59 फीसदी से कम बारिश हुई है, उनमें बालाघाट मे 38 प्रतिशत, बड़वानी में 34, बुरहानपुर में 21, छतरपुर में 24, दमोह में 43, धार में 39, हरदा में 29, होशंगाबाद में 20, इंदौर में 26 प्रतिशत कम बारिश 26 अगस्त तक की स्थिति में हुई है। इसके अलावा जबलपुर में 42, कटनी में 33, खरगोन में 41, मंडला में 22, मुरैना में 19, पन्ना में 37 और सिवनी में 30 प्रतिशत कम बारिश इसी अवधि में दर्ज की गई है जो गंभीर सूखे के संकेत दे रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इन जिलों में बन रहे सूखे के हालातों पर चिंता जता चुके हैं।
बाढ़ से किसानों को हुआ भारी नुकसान
उधर नौ जिलों में आई बाढ़ के कारण 114889 हेक्टेयर की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसमें एक लाख 15170 किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं। इसमें 72327 लघु व सीमांत किसानों की 68301 और 42843 किसानों की 46588 हेक्टेयर फसल का नुकसान होना पाया गया है। ग्वालियर चंबल में आई बाढ़ का साइड इफेक्ट यह भी देखने को मिला है कि यहां 1334 हेक्टेयर भूमि पर तीन इंच मोटी सिल्ट जम गई है जिसे हटाने के लिए प्रशासन भी मदद में जुटा है। नौ जिलों की बाढ़ से 1573 जानवर और 5977 पक्षी भी मारे गए हैं जिसके बदले 2.72 करोड़ की क्षति आंकी गई है।
