पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा ब्यूरोक्रेसी से चप्पल उठवाने और ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है... जैसे बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उमा भारती को लेकर ट्वीट किया था। पूर्व सीएम दिग्विजय के ट्वीट का जवाब उमा भारती ने पत्र लिख कर दिया है। पूर्व सीएम उमा ने कहा है कि ब्यूरोक्रेसी पर मेरे मेरे दिए गए बयान पर आपने (दिग्विजय) ने उचित प्रतिक्रिया दी है। उमा ने पत्र में कहा है कि मुझे अपनी ही बोली भाषा का गहरा आघात लगा है। मैं आपके पीछे पड़ जाती थी कि दादा संयत भाषा नहीं बोलते। यह तो बिल्कुल ऐसा हो गया जैसा रामायण में लिखा है .....पर उपदेश कुशल बहुतेरे, ते आचरहिं ते नर न घनेरे....। मैं आगे से अपनी भाषा सुधार लूंगी,आप भी ऐसा कर सके तो कर लें।
गौरतलब है कि उमा भारती का बयान वायरल होने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा था कि उमा, आप मेरी छोटी बहन के नाते मुझे कम बोलने के लिए चेताती रही हैं लेकिन आपने नौकरशाहों के ख़िलाफ़ जो अपशब्दों का उपयोग किया है, वे घोर आपत्तिजनक हैं।
भारतीय संविधान में ब्यूरोक्रेसी नियम व क़ानून के अंतर्गत निष्पक्षता से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे आपके नौकर नहीं हैं। चप्पल उठाने वाले लोग नहीं हैं। आप केंद्रीय मंत्री रहीं हैं, मुख्यमंत्री रहीं है। इस प्रकार की टिप्पणी आपको नहीं करना चाहिए। आपको माफ़ी मॉंगना चाहिए।

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