भोपाल
प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने निजीकरण पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया। लोगों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग करने की सलाह देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आरक्षण में है क्या ? जब तक प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण नहीं मिलेगा, आपको क्या मिलेगा ? सारा तो प्राइवेट सेक्टर के हाथ में सौंप दिया है। सारी जमीनों को प्राइवेट सेक्टर को देने की तैयारी हो रही है। आपको तो प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण मिलना चाहिए।" उनका ये बयान कंपनियों के निजीकरण की ओर इशारा माना जा रहा है। कंपनियों के निजीकरण को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार हमेशा से ही आलोचनाओं का सामना कर रही है। एयर इंडिया से लेकर पीएसयू कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है. सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि कंपनियों के प्राइवेट होने के बाद आरक्षण छिन जाएगा।
उमा ने यह दी सफाई
वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मुझे रंज हैं कि मैंने असंयत भाषा का किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे। मैंने आज से यह सबक़ सीखा कि सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया की आभारी हूँ कि उन्होंने मेरा पूरा ही वीडियो दिखा दिया क्योंकि मैं तो ब्यूरोक्रेसी के बचाव में ही बोल रही थी। हम नेताओ में से कुछ सत्ता में बैठे निकम्मे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिये ब्यूरोक्रेसी की आड़ ले लेते हैं कि “हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रेसी हमारे अच्छे काम नही होने देती।” सच्चाई यह है कि ईमानदार ब्यूरोक्रेसी सत्ता में बैठे हुए मज़बूत, सच्चे एवं नेक इरादे वाले नेता का साथ देती है। यही मेरा अनुभव है।
