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IAS जुलानिया को मिला दंड अफसरों के लिए सबक, क्यों शिवराज की मंशा नहीं समझ रहे अधिकारी

राकेश शर्मा की कलम से
मध्यप्रदेश शासन के एक बड़े अधिकारी जिनकी कभी पूरे प्रदेश में तूती बोलती थी, बीते रोज वे सेवानिवृत्त हो गए। कई अखबारों के एक छोटे से कोने में यह खबर लगी। विषय यह नहीं है कि एक अधिकारी रिटायर हो गया, अधिकारी समय-समय पर रिटायर होते ही हैं। चर्चा का विषय यह है कि मप्र में सबसे पावरफुल आईएएस अफसरों में इनकी गिनती होती थी, बावजूद इसके विगत छह महीनों से सरकार ने इन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी थी। आप इस विषय पर विचार करेंगे कि मध्यप्रदेश के सबसे पावरफुल आईएएस में गिनती होने के बाद इन्हें विगत छह माह में कोई काम क्यों नहीं मिला ? दरअसल जब व्यक्ति लंबे समय तक पावर में रहता है तो वह भूल जाता है कि उसके ऊपर भी कोई बैठा है। 

मध्यप्रदेश में भगवान के वरदान के रूप में काम कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति तक पहुंचे। उसके लिए वे दिन- रात प्रयास और प्रयत्न करते रहते हैं। यही नहीं सीएम की मंशानुसार मध्यप्रदेश में काम हो भी रहा है यानी प्रदेश के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। वहीं कुछ अधिकारी अपने आप को खुदा समझने लगे थे। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई बार अनेकों मंच से चेतावनी दे भी चुके थे कि सुशासन और स्वराज की परिकल्पना में वह किसी भी तरह की रुकावट को बर्दाश्त नहीं करेंगे। आश्चर्य की बात है कि दंभ में जी रहे कुछ अधिकारियों के कान में इतनी छोटी सी बात नहीं पहुंच रही थी। वे सोचते थे कि हम सीनियर अधिकारी हैं, हम जो भी करेंगे वही ठीक है। दंभ और घमंड में वे यह भी भूल रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परिकल्पना है कि गांव, गरीब, किसान और आमजन मां-बेटियों, भांजे-भांजियों और अपनी जनता के देखे हुए सपनों को पूरा करें। इसके लिए सुशासन और स्वराज का राज्य कायम करने के लिए वे लगातार और दिन-रात प्रयत्न करने में जुटे हैं। उनकी स्पष्ट चेतावनी है कि जनता और उनके बीच कोई भी आड़े नहीं आए लेकिन चट्टान की तरह जमे कुछ लोग अपने आपको खुदा समझ रहे थे, जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ा। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभिन्न मंचों से हमेशा अपने मन के उद्गार व्यक्त करते हैं। वह मध्य प्रदेश को अपना मंदिर और मध्य प्रदेश की जनता को अपना भगवान और अपने आप को जनता का सेवक मानते हैं। मध्य प्रदेश की जनता रूपी भगवान को सरकार की योजनाओं का पूरा सौ प्रतिशत लाभ कैसे प्राप्त हो और उन्हें कोई भी कष्ट न हो, इसके लिए वे निरंतर प्रयास करते हैं। कई ऐसे उदाहरण हैं जब जनता की विपत्ति पर शिवराज सिंह चौहान खुद सबसे पहले आगे खड़े नजर आए। फिर बात चाहे कोरोना महामारी की हो या ग्वालियर चंबल क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ की हो। उन्होंने जनता की सेवा में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। यह उनकी प्राथमिकता में है कि जब आपदा आई तो मुख्यमंत्री सब कुछ छोड़ कर सीधे जनता के बीच पहुंचे। उस समय उन्होंने न खाने की परवाह की न सोने की। वे लगातार इस प्रयास में लगे रहे कि किस तरह से जनता रूपी भगवान के कष्टों को जल्द से जल्द दूर किया जाए। कोरोना काल में जब ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत से जनता तकलीफ में थी तो वे कई रातों तक ठीक से सो नहीं पाए। जिला और संभाग के अधिकारियों से पल-पल की रिपोर्ट लेते और बेहतर से बेहतर इंतजाम के लिए निर्देश देते रहे। इसी तरह ग्वालियर-चंबल में प्राकृतिक आपदा बाढ़ के प्रकोप को हमने देखा है। सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता के बीच पहुंचे थे। यही तो एक संवेदनशील जनसेवक की भूमिका है। वह कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं कि उनकी भगवान रूपी जनता को कोई अधिकारी तकलीफ पहुंचाएं। हाल ही में जनदर्शन यात्रा में उन्होंने भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों पर मंच से ही कार्यवाही की। 

खास बात है कि अब तो जनता भी समझने लगी है कि प्रदेश में शिवराज हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। मध्य प्रदेश की सरकार अपनी जनता रूपी भगवान के लिए पूरी मुश्तैदी से काम कर रही है। भ्रष्ट, निकम्मे और सरकार के हुकुम न मानने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। राधेश्याम जुलानिया उसके जीते जागते उदाहरण है। विगत छह माह से उनके पास कोई काम नहीं था। यह उन अधिकारियों के लिए चेतावनी है जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे साथ ही जनता रूपी भगवान  के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री के स्वराज और सुशासन के रास्ते में रुकावट बन रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी कुछ दिन पहले कहा कि मैं वल्लभ भवन में बैठता हूं तो मुझे चारों तरफ आनंद ही आनंद दिखाई देता है और जब मैं जमीन पर जाता हूं तो कुछ और नजर आता है, यह भी उन अधिकारियों के लिए चेतावनी है कि मुझसे कुछ भी छुपा नहीं है। 


 सच्चे जनसेवक की जिम्मेदारी निभा रहे शिवरा

हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें ऐसा मुख्यमंत्री मिला जो हमेशा जनता के बीच रहता है, जनता की सुनता है और जनता के लिए काम करता है। यानी वे एक सच्चे जनसेवक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सरकार अधिकारियों के लिए जिम्मेदार नहीं है पर अधिकारियों को सरकार और जनता के प्रति जबाबदार बनाने का काम सरकार की मंशा जरूर है। मध्यप्रदेश में कुछ अच्छे अधिकारी भी हैं जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा और सरकार  की योजनाओं को धरातल पर मूर्तरूप देने का काम कर रहे हैं। जनता के बीच जनता के लिए जीने वाले भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान का राज्य ऐसा ही कायम रहे और मध्य प्रदेश में जनता जनार्दन की सेवा इसी तरह होती रहे, प्रदेश स्वराज की ओर दिनों-दिन इसी तरह बढ़ता रहे, यह आशा हम सब करते हैं और उम्मीद करते हैं कि ईश्वर उसको साकार और पूरा भी करेगा। भारत माता की जय जय मध्य प्रदेश।

- राकेश शर्मा
-लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।
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