भोपाल
देवास में पदस्थ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के मानचित्रकार विजय दरियानी के घर ईओडब्ल्यू उज्जैन ने गुरुवार को छापा मारा। इसमें करोड़ों की संपत्ति, 3 कारें, लाखों रुपए नकदी समेत कई फाइलें टीम ने जब्त की गई हैं। इंदौर के आवास से टाउन प्लानिंग की कुछ फाइलें और नक्शे भी मिले हैं। ग्राम निवेश के एक पूर्व अधिकारी गोयल और टाउन प्लानिंग के संयुक्त संचालक मुदगल से भी करप्शन के तार जुड़ने की बात की जा रही है।
EOW उज्जैन के अफसर सुबह करीब 6 बजे विजय दरियानी के इंदौर के 4 अलग-अलग ठिकानों समेत देवास पहुंच गए। टीम में करीब 40 अफसर मौजूद थे। एसपी दिलीप सोनी ने दरवाजा खटखटाकर कहा कि बंगाली चौराहे में आपकी मोबाइल की दुकान में आग लग गई है। यह सुनते ही विजय दरियानी ने दरवाजा खोला। इतने में टीम घर के अंदर घुस गई। घर में इंजीनियर ने लाखों रुपए के पौधे लगा रखे थे। विजय 1984 में मानचित्रकार (नक्शा ट्रैसर) के रूप में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में पदस्थ हुआ था। शुरुआत में विजय की सैलरी मात्र 500 थी। 37 साल की सर्विस हो चुकी है। वहीं, वर्तमान में 7 साल की नौकरी और बची थी। अभी उसकी सैलरी 50 हजार रुपए थी। 19 लाख रुपए नकद मिलने के बाद कई दिशाओं में अब विभाग जांच करेगा। गुरुवार को 14 घंटे चली सर्चिंग की कार्रवाई में कई अहम दस्तावेज ईओडब्ल्यू को मिले हैं, जिसमें वर्ष 2031 की इंदौर व देवास की मास्टर प्लानिंग के नक्शे भी विजय दरियानी के घर से बरामद हुए हैं।
महंगी शराब का शौक
दिलीप सोनी ने बताया कि सुबह 6 बजे कार्रवाई के दौरान इंदौर टीएनसीपी ऑफिस के दस्तावेज भी विजय के घर से मिले हैं। विजय 5 साल पहले ही इंदौर से हट चुका है। बावजूद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की इतनी फाइलें सवालिया निशान भी खड़े करती हैं। विजय शराब का शौकीन है। कई महंगी शराब की बोतल भी मिली है। वहीं, छत पर रूफटॉप होटल की तरह सजावट की हुई थी। कोई भी मेहमान आए तो उसे वेज और नॉनवेज दोनों तरह के स्वाद वह दे सके, इसके लिए अलग तरह का ट्रॉली सिस्टम बना रखा था। अगर शराब खत्म हो जाती थी, तो वह ट्रॉली को नीचे भेज कर शराब छत पर आ जाती थी।
