खरगोन जिले में 24 अगस्त को हुई बिष्ठान थाना क्षेत्र की घटना के आरोपी की ज़िला जेल में हुई बिसन पुत्र हाबू भील की मृत्यु की घटना की गम्भीरता को देखते हुए पूरे मामले की न्यायिक जाँच के आदेश किए गए हैं। इसमें डॉक्टरों के पैनल के द्वारा पीएम किया जा रहा है एवं सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी भी करायी जा रही है। मृतक के परिजनों द्वारा शिकायत की गयी है कि पुलिस की मारपीट से मृत्यु हुई है। शिकायत की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ख़रगोन द्वारा चार पुलिस कर्मियों को निलम्बित किया गया है। जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया उनमें उपनिरीक्षक जितेंद्र का कवचे थाना बिस्टान, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक आवेश शेख, आरक्षक भरत मिलन यादव और हरिओम मीणा थाना बिष्ठान शामिल हैं।
खरगोन जेल में बन्द रहे बिसन पिता हाबु की मृत्यु को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लिया है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि स्व. बिसन की मृत्यु की निष्पक्ष जाँच के मद्देनजर जेल अधीक्षक, बिस्टान थाने के उप निरीक्षक, हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि तत्काल प्रभाव से खरगोन जिला जेल के अधीक्षक गिरधारी लाल औसारी को भी निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि बिसन की मौत के बाद ग्रामीणों ने मंगलवार को थाने में जमकर पथराव किया था और पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की थी।
बताया गया कि घटना में संबल अन्त्येष्टि सहायता के अन्तर्गत मृतक के परिजनों को ₹ 5,000 की तात्कालिक सहायता प्रदान की गई है।
विधायक निधि से ₹ 10,000 की सहायता तथा रेड क्रॉस फंड से ₹ 25,000 की सहायता प्रदान की जाएगी।
परिजनों को संबल अनुग्रह सहायता के अंतर्गत ₹ 2 लाख की राशि प्रदान की जाएगी।

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