खंडवा लोकसभा सीट से उपचुनाव का पर्चा दाखिल करने के पहले कांग्रेस में नया राजनीतिक समीकरण सामने आ गया है। अब तक क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे और चुनाव की तैयारी में जुटे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने रविवार की शाम चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है।
अरुण यादव ने इसको लेकर किए गए ट्वीट में कहा है
आज पीसीसी चीफ कमलनाथ, राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक से दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपने पारिवारिक कारणों से खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवारी और प्रत्याशी न बनने को लेकर लिखित जानकारी दे दी है। अब पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, उनके समर्थन में पूर्ण सहयोग करूंगा। एक अन्य ट्वीट में यादव ने कहा है कि
कि आज नई दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ, राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से भेंटकर लोकसभा उपचुनाव से संबंधित संगठनात्मक व राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर उनके समक्ष अपना पक्ष रखा। यादव ने लिखा है कि चर्चा सौहार्द्रपूर्ण रही। इसमें मैंने उनसे यह आग्रह किया कि यदि पार्टी किसी समर्पित कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाना चाहे तो वे उसकी पूरी मदद करेंगे। यादव ने कहा है कि वे शीघ्र ही राहुल गांधी से मिलकर संपूर्ण राजनीतिक परिस्थितियों से उन्हें अवगत कराएंगे। उधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने यादव के ट्वीट के बाद ट्वीट कर कहा है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अरुण यादव को आशीर्वाद दिया था तभी यह साफ हो गया था कि राजा ने खेल कर दिया है।

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