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IAS, SAS, तहसीलदार ने समय की कमी से रेवेन्यू केस नहीं सुना तो RCMS ऑटो जनरेट कर देगा सुनवाई डेट

भोपाल
अब अगर कोई कलेक्टर और संभागायुक्त व राजस्व मंडल के अधिकारी रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) के दायरे में आने वाले केस की सुनवाई टालेंगे तो कम्प्यूटर उनकी पोल खोल देगा। आरसीएमएस में ऐसी सुविधा होस्ट कर दी गई है कि अगर कोई पीठासीन अधिकारी राजस्व न्यायालय में दर्ज केस की सुनवाई लंबे समय से नहीं कर रहा है तो कम्प्यूटर उसकी आटो केस हियरिंग तय कर देगा। इसके बाद अधिकारी को उस मामले की सुनवाई करना होगी।


प्रदेश में राजस्व न्यायालयों में आने वाले नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा के अलावा भूमि स्वामित्व से जुड़े मामलों में फास्ट एक्शन के लिए राज्य सरकार द्वारा आरसीएमएस व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था में समय के साथ बदलाव कर उसे जनता के लिए अधिकतम उपयोगी बनाने का काम किया जाता है। आरसीएमएस व्यवस्था प्रभावी किए जाने के बाद भी कई जिलों में यह बात सामने आई है कि राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी के रूप में काम करने वाले राजस्व मंडल के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अफसरों के अलावा संभागायुक्त, अपर संभागायुक्त, कलेक्टर, अपर कलेक्टर, राजस्व अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार समय पर केस की सुनवाई नहीं करते। इसके लिए दर्ज मामलों की सुनवाई की तारीख ही व्यस्तता का हवाला देकर तय नहीं की जाती। इसका असर यह होता है कि केस दर्ज होने के बाद छह माह या अधिक समय तक पेंडिंग रहते हैं। शासन स्तर से इसकी समीक्षा के बाद भी सालों तक पेंडिंग रहने वाले मामलों का निराकरण नहीं हो पा रहा है और पक्षकारों के राजस्व न्यायालय के सुनवाई और फैसले के लिए भटकना पड़ता है।
अब होगा ऐसा सिस्टम

प्रमुख राजस्व आयुक्त संजय गोयल द्वारा कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा गया है कि आरसीएमएस में दर्ज हुए प्रकरण में ऐसे केस जिनकी सुनवाई तीस दिन से नहीं हुई है, ऐसे मामलों में कम्प्यूटर आटो केस हियरिंग का काम करेगा। इसके लिए हियरिंग सुविधा में कम्प्यूटर पहले उन केस की सुनवाई की तारीख जनरेट करेगा जो सबसे पुराने हैं। इसके बाद उसके पहले के केस की डेट जनरेट होती जाएगी। इन केसेस की सुनवाई सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को तय की जाएगी। इसमें यह व्यवस्था भी रहेगी कि अगर कोई पीठासीन अफसर एक सुनवाई दिवस में पचास केस सुनता है और उसके द्वारा अपने स्तर पर चालीस केस सुनवाई के लिए तय किए गए हैं तो दस मामले आटो केस हियरिंट से जनरेट हो जाएंगे। ऐसा नान एक्टिविटी वाले प्रकरणों में होगा और सुनवाई की तारीख तय होते ही इसकी सूचना एसएमएस द्वारा अपने आप पक्षकारों तक पहुंच जाएगी। प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने इस मामले में तेजी लाने और इसकी समीक्षा करने के निर्देश भी मैदानी अधिकारियों को दिए हैं।



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